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[mppsc pre 2020-2021*] HUMAN DEVELOPMENT INDEX /REPORT 2020-मानव विकास सूचकांक/ रिपोर्ट

HUMAN DEVELOPMENT INDEX / REPORT-2020

मानव विकास सूचकांक/रिपोर्ट-2020 

COVERED TOPIC-

HDR (मानव विकास रिपोर्ट)  / HDI (मानव विकास  सूचकांक ) पूरी जानकारी  आसान भाषा मे
मानव विकास रिपोर्ट क्या है?
मानव विकास रिपोर्ट 2020?
मानव विकास रिपोर्ट किसे कहते हैं ?
मानव विकास सूचकांक क्या है?
मानव विकास सूचकांक 2020?
मानव विकास सूचकांक किसने बनाया था ?
मानव विकास सूचकांक के घटक                                               
HDI-imp facts for exam



इसमें  विभिन्न राष्ट्रों द्वारा विकास के विभिन्न मानकों के सापेक्ष में किए गए प्रयासों का एक वैश्विक विश्लेषण प्रस्तुत किया जाता है, यह  HUMAN DEVELOPMENT REPORT,   यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम  UNDP के द्वारा तैयार की जाती है  HUMAN DEVELOPMENT REPORT में मानव विकास सूचकांक HDI  एवं  इसके विभिन्न आयामों को सम्मिलित किया जाता है।

HUMAN DEVELOPMENT INDEX - MPPSC/UPSC, 

मानव विकास सूचकांक- UPSC - MPPSC


HDR  full form --HUMAN DEVELOPMENT REPORT,

HDI full form-- HUMAN DEVELOPMENT INDEX ,


  HDI को  वर्ष 1990 में यूएनडीपी से जुड़े पाकिस्तानी अर्थशास्त्री श्री महबूब  उल हक व उनके सहयोगी भारतीय अर्थशास्त्री श्री अमर्त्य सेन  एवं अन्य सहयोगियों ने मिलकर  HDI  का निर्माण किया है जिसे 1990 से लगातार HUMAN DEVELOPMENT REPORT में प्रकाशित किया जाता है-


HDI-2020 के कुछ प्रमुख बिंदु

इस सूचकांक में भारत को 131 वां स्थान प्राप्त हुआ है जो गत वर्ष से 2 स्थान पीछे है! गत वर्ष इसी रिपोर्ट में भारत को 129  रैंकिंग प्राप्त हुई थी!



HDI-2020  के रैंकिंग में टॉप 5 देश निम्न है

नार्वे 
आयरलैंड
स्विट्जरलैंड
हांगकांग 
आइसलैंड

नोट-- भारत में पहली बार HDR  वर्ष 2002 में जारी की गई थी

 राज्य स्तरीय मानव विकास रिपोर्ट जारी करने वाला भारत का पहला राज्य मध्यप्रदेश है।

HUMAN DEVELOPMENT INDEX- [HDI] में 3 आयाम है 



  1. शिक्षा प्राप्ति सूचकांक
  2.  जन्म के समय जीवन प्रत्याशा सूचकांक
  3. क्रय शक्ति क्षमता (PPP)समायोजित प्रति व्यक्ति आय के आधार पर जीवन निर्वाह का स्तर

 इनको संक्षेप में स्वास्थ्य सूचकांक शिक्षा सूचना और आय संबंधी सूचकांक भी कहते हैं अर्थात मानव विकास सूचकांक के 3 आयाम स्वास्थ्य शिक्षा और प्रति व्यक्ति आय हैं!

HDR (मानव विकास रिपोर्ट)  / HDI (मानव विकास  सूचकांक ) पूरी जानकारी  आसान भाषा मे



जीवन प्रत्याशा सूचकांक  LIFE EXPECTANCY INDEX 

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम UNDP  द्वारा मानव विकास सूचकांक के आधार पर मानव विकास रिपोर्ट प्रकाशित की जाती है इसमें जन्म के समय जीवन प्रत्याशा सूचकांक (लाइफ एक्सपेक्टेंसी इंटेक्स )LEI  को स्वास्थ्य का सूचक माना जाता है

 शिक्षा प्राप्ति सूचकांक EDUCATIONAL ATTAINMENT INDEX

शिक्षा प्राप्ति सूचकांक (एजुकेशनल अटेनमेंट इंडेक्स ) EAI के मापन हेतु वयस्क साक्षरता तथा संयुक्त नामांकन अनुपात प्राथमिक माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा में नामांकन का उपयोग किया जाता है ,यह सूचकांक स्कूल अवधि के अनुमानित वर्ष और स्कूल अवधि के औसत वर्ष के माध्यम से निकाला जाता है !

रहन-सहन स्तर सूचकांक STANDARD OF LIVING INDEX 

इसे मापने हेतु प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद को आधार बनाया जाता है इसमें जीवन स्तर प्रभावित होता है रहन-सहन स्तर सूचकांक स्टैंडर्ड आफ लिविंग इंडेक्स ,का आकलन राष्ट्रिय आय के  स्तर पर क्रय शक्ति समता (परचेसिंग पावर परिर्टी )के आधार पर किया जाता है यह सूचकांक क्रय शक्ति क्षमता आधारित सकल राष्ट्रीय आय से प्राप्त होता है।

HDI को  निम्न सूत्र से प्राप्त किया जाता है

                HDI =1/3(जीवन प्रत्याशा सूचकांक +शिक्षा प्राप्ति सूचकांक+रहन-सहन स्तर सूचकांक)


मानव विकास सूचकांक का मान 0 से 1 के बीच होता है !इसके मूल्य के आधार पर  देशों  को चार श्रेणियों में विभाजित किया जाता है !


  1.  अत्यधिक उच्च मानव विकास वाले देश-- इनका मान 0.800 से  1 तक होता है
  2.  उच्च मानव विकास वाले देश --इनका मान 0.701 से 0.800 तक होता है
  3.  मध्यम मानव विकास वाले देश इनका मान-0.550 से  0.701 तक होता है
  4. निम्न मानव विकास वाले देश इनका मान-0.352  से 0.550  तक होता है




 बहुआयामी निर्धनता सूचकांक (मल्टीडाइमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स )का विकास वर्ष 2010 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी )एवं ऑक्सफ़ोर्ड  निर्धनता एवं मानव विकास की पहल पर हुआ ,बहुआयामी निर्धनता सूचकांक गरीबी या निर्धनता मापन का एक व्यापक दृष्टिकोण है ,इसमें निर्धनता मापन के लिए कई मानकों का प्रयोग करता है ,जिसमें प्राथमिक शिक्षा, कुपोषण ,शिशु मृत्यु दर, बिजली की उपलब्धता, स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता आदि को सम्मिलित किया जाता है! बहुआयामी निर्धनता सूचकांक के आधार पर भारत के मात्र 8 राज्यों जैसे बिहार ,छत्तीसगढ़ ,झारखंड ,मध्य प्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान ,उत्तर प्रदेश ,और पश्चिम बंगाल के ही निर्धनों की कुल संख्या अफ्रीका के 36 देशों में निर्धनों की कुल संख्या से अधिक है!
 यह सूचकांक 3  आयामों  10और  संकेतकों  के आधार पर बनाया जाता है ,इन सभी संकेतों को समान महत्व प्राप्त होता है।


लिंग आधारित विकास सूचकांक  GENDER DEVELOPMENT INDEX 

 इसे वर्ष 2014 से  HDR  में सम्मिलित किया गया है, इस रिपोर्ट में महिलाओं के अधिकारों के स्थान पर उन्हें उपलब्ध अवसरों को महत्व दिया जाता है ,जिसके अंतर्गत निर्णयन क्षमता एवं राजनीतिक भागीदारी ,आर्थिक भागीदारी एवं निर्णय लेने संबंधी एवं आर्थिक संसाधनों पर अधिकारों जैसी स्त्रियों तथा पुरुषों द्वारा अर्जित  आए के माध्यम से मापा जाता है।


परीक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण तथ्य-


 मानव विकास सूचकांक की अवधारणा का विकास पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उल हक ने किया था ,
इस सूचकांक की शुरुआत वर्ष 1990 से हुई,
 इस सूचकांक को यूएनडीपी के द्वारा जारी किया जाता है
 यह तीन आयामों पर आधारित होता है 
जिसमें शिक्षा स्वास्थ्य और क्रय शक्ति क्षमता के आधार पर प्रति व्यक्ति आय सम्मिलित होते हैं।



MPPSC NOTES -PDF


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