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एमपीपीएससी मैन्स EXAM में अच्छा उत्तर कैसे लिखे ?? HOW TO RIGHT A GOOD ANSWER IN MAINS EXAM ??


मध्यप्रदेश राज्य सेवा मुख्य परीक्षा में एक अच्छा उत्तर कैसे लिखें?

MPPSC MAINS ANSWER  WRITING TIPS IN HINDI

HOW TO RIGHT  A GOOD ANSWER  IN MPPSC MAINS EXAM 


MAINS MAINS EXAM  में अच्छा उत्तर  कैसे लिखे


मध्यप्रदेश राज्य सेवा मुख्य परीक्षा में एक अच्छा उत्तर कैसे लिखें ?

MPPSC MAINS ANSWER  WRITING TIPS IN HINDI

                          

MPPSC MAINS परीक्षा में सफलता पाने के लिए एक अच्छा उत्तर लेखन या एक अच्छे उत्तर लेखन की कला में निपुण होना अत्यंत आवश्यक है! या यूं कहें कि राज्य सेवा मुख्य परीक्षा में सफलता का पूरा खेल एक अच्छे उत्तर लेखन की कला के ऊपर निर्भर करता है अब इस अच्छे उत्तर लेखन की कला में किन किन तथ्यों का समावेश होता है या एक अच्छा उत्तर किसे कहते हैं !इस लेख में इसके बारे में पूरी विस्तार से चर्चा होगी !
 इस लेख के माध्यम से आपको राज्यसेवा मुख्य परीक्षा में अच्छे उत्तर लिखने में किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में विस्तृत वर्णन है!


MPPSC MAINS-2019 ANSWER  WRITING TIPS  IN HINDI


➥MPPSC MAINS राज्यसेवा मुख्य परीक्षा के उत्तर लिखने के लिए सबसे पहले प्रश्नों की प्रवृत्ति पर ध्यान देना चाहिए! राज्यसेवा मुख्य परीक्षा का प्रश्न पत्र मुख्य रूप से तीन प्रकार के प्रश्नों में विभक्त रहता है ,इनमें से कुछ प्रश्न अति लघु उत्तरीय यानी कि तीन नंबर के होतेहै , कुछ प्रश्न मध्यम स्तर के यानी कि लघु स्वरूप के होते हैं जिनका उत्तर करीब  सौ शब्दों में लिखना होता है और कुछ प्रश्न निबंधात्मक होते हैं जिनका उत्तर करीब करीब तीन सौ शब्दों में लिखना होता है

source- naidunia.com
अब यहां पर एक अच्छे उत्तर लेखन की कला इन तीनों प्रकार के प्रश्नों के लिए अलग-अलग होती है,
इन तीनों प्रकार के प्रश्नों को किस प्रकार से लिखना चाहिए ???


 अति लघु उत्तरीय अर्थात तीन नंबर के प्रश्नों को किस प्रकार करें?? 



 तीन नंबर के प्रश्न यानी कि अति लघु उत्तरीय प्रश्नों को हल करने के लिए हमेशा कीवर्ड अर्थात जो उस प्रश्न में पूछा गया है, उसी का उत्तर सीधे शब्दों में देने का प्रयास करना चाहिए ,यहां पर किसी भी प्रकार की भूमिका या उपसंहार बनाने का प्रयास नहीं करना चाहिए ,और हमेशा  मुख्य  तथ्य को ही  उत्तर में समाहित करना चाहिए ,,यहां पर किसी भी प्रकार के डायग्राम ,फ्लो चार्ट बनाने का प्रयास भी नहीं करना चाहिए !



 लघु स्वरूप के प्रश्न अर्थात 100 शब्दों की शब्द सीमा वाले प्रश्नों को हल करने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए???

 ऐसे प्रश्न जिनकी शब्द सीमा  100 तक होती है,  उनको हल करने के लिए प्रश्नों की प्रवृत्ति पर यानी की प्रश्न की भाषा पर विशेष तौर से ध्यान देना चाहिए, जैसे कि अगर प्रश्न में कुछ ऐसे शब्द आते हैं जैसे की  विशेषता बताइए,महत्व बताइए कमियां बताइए ,किसी  कल्याणकारी योजना के लाभों को बताइए आदि -

source- pixal.com
 ऐसे प्रश्नों के उत्तर देने के लिए प्रश्नों को लिखते समय टू द प्वाइंट  यानि बिंदुवार लिखने का प्रयास करना चाहिए, यहां पर फ्लोचार्ट का भी उपयोग किया जा सकता है और अगर प्रश्न में विशेष तौर से जीव विज्ञान के प्रश्न में चित्र का उपयोग करना चाहिए,




निबंधात्मक स्वरुप के प्रश्न अर्थात ऐसे प्रश्न जिनकी शब्द सीमा 300 होती है, उनके  उत्तर लेखन में किन बातो का ध्यान रखना चाइये ?? 



निबंधात्मक स्वरुप के प्रश्न अर्थात ऐसे प्रश्न जिनकी शब्द सीमा 300 होती है उन शब्दों की उत्तर लेखन में बिंदुवार जानकारी अर्थात टू द पॉइंट लिखने से बचना चाहिए ,क्योंकि सामान्यतः इतने पॉइंट हमारे पास उपलब्ध नहीं होते हैं, तो इन निबंधात्मक प्रश्नों के उत्तर लिखते समय हमेशा पैराग्राफ में उत्तर लिखना चाहिए ,यहां यह भी ध्यान देना चाहिए कि प्रत्येक पैराग्राफ एक दूसरे से इंटरलिंक होना चाहिए ,यहां पर चित्रों का उपयोग भी किया जा सकता है ,डायग्राम का उपयोग भी किया जा सकता है



 ➥➥मध्य प्रदेश राज्यसेवा मुख्य परीक्षा  में एक अच्छे उत्तर लेखन के मूलभूत सिद्धांत


➥तथ्यों का समावेश
➥बिंदुवार जानकारी
➥डायग्राम का प्रयोग
➥फ्लोचार्ट का प्रयोग
➥चित्रों का प्रयोग
➥मैप का प्रयोग 
➥अच्छी  लेखन शैली आदि,


    यहां ध्यान देने योग्य विशेष बात यह है कि ,इन ऊपर दिए गए अच्छे उत्तर के सिद्धांतों का प्रयोग किस प्रश्न में किस प्रकार से करना चाहिए ,इसकी समझ ही उत्तर लेखन की कला कहलाती है।
     अर्थात कहां पर बिंदुवार उत्तर लिखना चाहिए ,कहां पर की पॉइंट   का विशेष  ध्यान रखना चाहिए ,और कहां पर पैराग्राफ के रूप में उत्तर लिखना चाहिए।



    उत्तर लेखन में अच्छी हैंडराइटिंग का यानी कि सुंदर लेखन का या सुलेखन का कितना महत्व होता है ,??
    source- pixal.com

     मुख्य परीक्षाओं में सुंदर लिखावट से कहीं ज्यादा तथ्यों के समावेश का  महत्व होता है। केवल सुंदर लिखावट ही मुख्य परीक्षा में सफलता दिला सकती है, यह बिल्कुल भी आवश्यक या सत्य नहीं है ।लिखावट कम से कम ऐसी हो जिसे  मूल्यांकन कर्ता  को पढ़ने में आसानी हो ,जिन विद्यार्थियों की लिखावट सुंदर नहीं होती है या जिन विद्यार्थियों की लिखावट खराब होती है, उन विद्यार्थियों को अपनी लिखावट थोड़ी बड़े आकार की कर लेना चाहिए क्योंकि ऐसा देखा गया है कि बड़े आकार के अक्षरों को पढ़ने में ज्यादा सुविधा होती है ,और जिन विद्यार्थियों के लिखावट एक सामान्य प्रकार की है अर्थात आसानी से पढ़ने योग्य है उन विद्यार्थियों को लेखन सुधार की अपेक्षा उत्तर लेखन की कला जिसमें डायग्राम कीवर्ड और आदि शब्द जो मैंने कि इस लेख में ऊपर बताए हैं , उनका बार-बार प्रयास करना चाहिए केवल लेखन का प्रयास यानी कि हैंडराईटिंग इंप्रूवमेंट का प्रयास करना ही मुख्य परीक्षा में सफलता नहीं दिला सकता है।

    इसके साथ ही साथ मुख्य परीक्षा के हिंदी एवं निबंध वाले प्रश्न पत्रों में, मात्राओं के ऊपर विशेष तौर से ध्यान देना चाहिए ,हिंदी के पेपर में मात्राओं की गलतियां करने से मूल्यांकन कर्ता के ऊपर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। और ऐसा देखा गया है कि इन प्रश्नपत्रों में केवल मात्राओं की गलतियां करने के कारण ही बहुत कम नंबर प्रतिभागी को मिले है।
    यही बात मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग MPPSC  के पेपर नंबर 6 यानी कि निबंध के पेपर पर भी लागू होती है निबंध के पेपर में केवल और केवल पैराग्राफ का उपयोग करना चाहिए, यहां पर बिंदुवार या किसी भी डायग्राम या, चित्र का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए ।यहां पर केवल पैराग्राफ का उपयोग करना चाहिए ,और यह सारे पैराग्राफ एक दूसरे से इंटरलिंक यानी कि अंतर संबंधित होना चाहिए ।
    एक प्रभावी प्रस्तावना से निबंध की शुरुआत करना चाहिए ,तथा एक आशावादी दृष्टिकोण के साथ उसका उपसंहार यानी कि निबंध का अंत लिखना चाहिए।।।।।।।।।।।।।।



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