MGNREGA योजना क्या है??
एक ऐसा टॉपिक है जिससे लगभग हर प्रतियोगी परीक्षा में प्रश्न पूछे जाते हैं इस लेख में परीक्षा की दृष्टि से पूछे जाने वाले लगभग सभी प्रश्नों को बहुत ही आकर्षक रूप से अलग-अलग हेडिंग के साथ तथा आसान भाषा में वर्णित किया गया है, इस लेख को पढ़ने के पश्चात किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में पूछे जाने वाले मनरेगा योजना से संबंधत प्रश्न के जवाब आसानी से दिए जा सकेंगे।
इस लेख में परीक्षा के दृष्टिकोण से मनरेगा योजना से संबंधित पूछे जाने वाले निम्नलिखित बिंदुओं को कवर किया गया है
➥मनरेगा योजना क्या है,
➥ मनरेगा योजना कब से लागू हुई ,
➥नरेगा /मनरेगा इसका पूरा नाम,
➥मनरेगा के उद्देश्य ,
➥मनरेगा के लाभ या महत्व,
➥मनरेगा की प्रमुख चुनौतियां,
➥मनरेगा योजना की चुनौतियों से निपटने के लिए किए गए सरकारी प्रयास।
➥ मनरेगा योजना के प्रमुख नुकसान,
➥मनरेगा योजना के वित्तीय प्रावधान,
➥मनरेगा योजना के तहत जारी किए जाने वाले जॉब कार्ड ,
➥बेरोजगारी भत्ता ,
➥प्रवासी मजदूर,
➥Geo मनरेगा,
➥MGNREGA -2,
➥श्रमसिद्धि अभियान,
मनरेगा क्या है ??WHAT IS MGNREGA??
मनरेगा सितंबर 2005 में भारत की संसद द्वारा पारित एक कानून है जो कि भारत में काम की इच्छा रखने वाले भारतीय लोगों को काम पाने का कानूनी अधिकार मुहैया करवाता है यह मूल रूप से मांग आधारित रोजगार कार्यक्रम है। तथा सामाजिक सुरक्षा भी उपलब्ध करवाता है मनरेगा के तहत रोजगार सृजन कार्यक्रम विश्व का सबसे बड़ा रोजगार कार्यक्रम बन गया है
MGNREGA full form
Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act
(महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम)
MGNREGA मनरेगा योजना की शुरुआत कब हुई ?
यह अधिनियम 2 फरवरी 2006 को लागू हुआ तथा इसका लागू होने का स्थान आंध्र प्रदेश के बांदा वाली जिले का आनंदपुर गांव था।Note अगर परीक्षा में यह पूछा जाए कि यह एक्ट कब पास हुआ था तो इसका उत्तर सितंबर 2005 होगा तथा अगर प्रश्न यह है कि मनरेगा कब से लागू हुआ तो 2 फरवरी 2006 इसका उत्तर होगा।
मनरेगा योजना का विस्तार
मनरेगा कानून शुरुआती चरण में 200 जिलों में लागू किया गया था लेकिन 1 अप्रैल 2008 से इसे संपूर्ण भारत के सभी जिलों में यह कार्यक्रम लागू किया जा चुका है परंतु ऐसे जिले जिसमें 100% शहरी जनसंख्या निवास करती है उन जिलों में यह कानून लागू नहीं हुआ है।OBJECTIVE OF MGNREGA -मनरेगा के उद्देश्य -
- मनरेगा के निम्न उद्देश्य है-
- ग्रामीण क्षेत्रों में मांग के अनुसार प्रत्येक परिवार में 1 वर्ष में कम से कम 100 दिनों का अकुशल श्रम उपलब्ध करवाना
- गरीबों की आमदनी में वृद्धि करना
- सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देना
- पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करना
- ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर पलायन को रोकना
- ग्रामीण आधारभूत संरचना जैसे कुआं तालाबों नहरों आदि की सफाई तथा सड़कों शासकीय भवनों सामुदायिक भवनों आदि का निर्माण करना
MAIN PROVISION OF MGNREGA /
मनरेगा योजना के प्रमुख प्रावधान
- 33% महिलाओं का आरक्षण जिसमें मजदूरी की दर पुरुषों के बराबर रहेगी।
- प्रत्येक परिवार को 1 वर्ष में न्यूनतम 100 दिन का रोजगार (पहाड़ी क्षेत्रों एवं अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में यह प्रावधान 150 दिन का है।)
- कामगारों की मजदूरी का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जाता है।
- काम पाने की इच्छा रखने वाला ग्राम पंचायत से संबंधित कोई भी वयस्क व्यक्ति ग्राम पंचायत में जॉब कार्ड बनवाने के लिए आवेदन कर सकता है।
- आवेदन करने के 15 दिनों के भीतर जॉब गारंटी कार्ड जारी किया जाता है यह कार्ड ग्राम पंचायत के द्वारा जारी किया जाता है (हालांकि जॉब कार्ड को ऑनलाइन भी बनवाया जा सकता है जिसका वर्णन आगे मिलेगा।)
- काम मांगे जाने के 15 दिनों के भीतर काम उपलब्ध करवाना होगा ,देरी की स्थिति में प्रतिदिन के हिसाब से बेरोजगारी भत्ता देय होगा
- कार्यस्थल की दूरी 5 किलोमीटर के भीतर होगी 5 किलोमीटर से अधिक दूरी की स्थिति में परिवहन भत्ता मिलेगा कार्य की प्रवृत्ति और अकुशल प्रकार की होगी अर्थात किसी भी विशेष दक्षता की आवश्यकता नहीं है।
- कार्यस्थल पर मृत्यु होने या स्थाई अपंगता की स्थिति उत्पन्न होने पर आश्रितों को ₹25000 की राशि के भी प्रावधान किए गए हैं यह राशि केंद्र सरकार के द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी।
- इस अधिनियम का क्रियान्वयन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के द्वारा किया जाएगा
- इस योजना के तहत बनने वाले जॉब कार्ड की वैधता 5 वर्षों तक के लिए मान्य होगी
- प्रत्येक राज्य में मनरेगा की मजदूरी दर अलग-अलग हो सकती है
- इसके तहत कुछ कार्य जैसे जल संरक्षण वृक्षारोपण वनों का विकास तालाबों की सफाई ,मरम्मत गांव के आधारभूत संरचना का विकास जलजमाव क्षेत्रों में जल निकासी सिंचाई व्यवस्था बाढ़ नियंत्रण आदि कार्य किए जाएंगे।
- मनरेगा की वित्तीय प्रावधानों के तहत मजदूरी का भुगतान केंद्र सरकार के द्वारा किया जाता है तथा स्थाई संपत्तियों के निर्माण में खर्च होने वाली राशि को केंद्र एवं राज्यों के बीच में विभाजित किया जाता है इसमें 75% राशि केंद्र सरकार के द्वारा तथा शेष 25% राशि राज्य सरकार के द्वारा वाहन की जाती है।
WAGES IN MGNREGA
मनरेगा के तहत मिलने वाली मजदूरी की दर-
अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत प्रतिदिन की मजदूरी में ₹20 का इजाफा किया है पहले यह मजदूरी ₹182 प्रतिदिन थी जिसे बढ़ाकर के ₹202 प्रतिदिन कर दिया गया है इससे ज्यादा की राशि राज्य सरकार अपने प्रावधानों के अनुसार दे सकती है उदाहरण के लिए अभी सबसे ज्यादा मजदूरी का भुगतान हरियाणा सरकार के द्वारा किया जाता है वहां पर इसकी मजदूरी दर करीब ₹309 प्रतिदिन है वहीं मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में न्यूनतम मजदूरी दी जा रही है जो कि इस अधिनियम के तहत निर्धारित की गई है।MGNREGA JOB CARD /मनरेगा जॉब कार्ड
इस योजना के तहत पंजीकृत व्यक्ति को जो कार्ड दिया जाता है उसे ही मनरेगा जॉब कार्ड कहा जाता है इस कार्ड की वैधता 5 वर्षों के लिए होती है अभी वर्तमान में 13 करोड़ 80 लाख जॉब कार्ड पूरे भारत में बनाए जा चुके हैं हालांकि यह सारे ही जॉब कार्ड एक्टिव नहीं है अर्थात यह सारे ही जॉब कार्ड धारक व्यक्ति इसके के तहत मजदूरी नहीं करते हैं वर्तमान में करीब 7 करोड़ 70 लाख व्यक्ति इसके तहत मजदूरी कर रहे हैं अर्थात एक्टिव जॉब कार्ड की संख्या करीब 7 करोड़ 70 लाख है।मनरेगा के तहत जॉब कार्ड बनाने के लिए व्यक्ति को संबंधित ग्राम पंचायत में अपने फोटोग्राफ आधार कार्ड राशन कार्ड तथा बैंक खाते की डिटेल के साथ आवेदन करना होता है वह व्यक्ति ग्राम पंचायत में आवेदन दे सकता है साथ ही साथ कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी यह सुविधा उपलब्ध है नीचे दी गई लिंक पर भी जॉब कार्ड बनाए जा सकते हैं।
ON LINE APPLY FOR MGNREGA JOB CARD
मनरेगा जॉब कार्डके लिए ऑनलाइन आवेदन - CLICK HERE
Note मनरेगा के तहत लाभार्थी की इकाई परिवार है ना कि परिवार के सभी सदस्य अर्थात 1 वर्ष में प्रति परिवार को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाना इस एक्ट के प्रावधानों में सम्मिलित हैं ना कि उस परिवार के सभी व्यक्तियों को 100-100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाना।IMPORTANCE OF MGNREGA ,
मनरेगा योजना के लाभ/महत्व
- मनरेगा के तहत रोजगार पाने का कानूनी अधिकार मिला है जिससे लोगों की जीवन स्तर में सुधार हुआ है।
- रोजगार की गारंटी मिलने से आमदनी में वृद्धि हुई है जिससे गरीबी की समस्या में भी कमी आई है।
- ग्रामीण गरीबों को सामाजिक सुरक्षा प्राप्त हुई है।
- शहरों की ओर होने वाले पलायन में कमी आई है तथा शहरों के ऊपर बढ़ने वाले बोझ बस्तियों झुग्गी झोपड़ियों की समस्या भी कुछ हद तक कम हुई है
- इस योजना के तहत किए जाने वाले कार्यों से ग्रामीण अधोसंरचना को मजबूती मिली है जिसके भविष्य में भी सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगी
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है
- सामाजिक समावेशन में वृद्धि हुई है
- महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी व्यापक सुधार आया है। वर्तमान में करीब इस योजना के तहत 56% महिला मजदूरों को रोजगार प्राप्त हो रहा है।
CHALLENGES IN MGNREGA / मनरेगा की प्रमुख चुनौतियां /मनरेगा की प्रमुख कमियां UPSC/ PSC POINT OF VIEW
- इस योजना के लागू होने के साथ ही इसमें भ्रष्टाचार कि समस्या भी जन्म ले चुकी थी वर्तमान में कुछ रिपोर्ट के अनुसार मात्र 30 प्रतिशत मजदूर ही इस योजना का लाभ प्राप्त करने में सफल हुए हैं।
- फर्जी जॉब कार्ड बनाने की समस्या भी देखने को मिली है
- मजदूरी के भुगतान में देरी
- हाजिरी रजिस्टर में धांधली,
- नरेगा से कृषि के ऊपर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है इस योजना के आने के बाद छोटे और सीमांत कृषक खेती को छोड़कर के मनरेगा के तहत मजदूरी करने लगे हैं जिससे कृषि उत्पादन में गिरावट आने लगी है। साथ ही साथ कृषि की लागत में भी वृद्धि हुई है क्योंकि मनरेगा के तहत ज्यादा मजदूरी मिलने पर किसानों को अपने खेतों में काम करवाने के लिए ज्यादा राशि का भुगतान करना पड़ता है जिसके चलते किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।
- उद्योगों को मजदूर मिलने में समस्याएं आने लगी है क्योंकि मजदूर गांव में ही रोजगार प्राप्त करने में ज्यादा रुचि लेने लगे हैं
- इसके साथ ही साथ अकुशल श्रम उपलब्ध होने पर ग्रामीण युवाओं में कौशल विकास की दिशा में भी नकारात्मक प्रवृत्ति जन्म लेने लगी है।
इन चुनौतियों से निपटने के लिए तथा इसकी कमियों को दूर करने के लिए सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण कदम भी उठाए हैं जैसे Geo MGNERGA यह इस योजना से जुड़े आंकड़ों को देखने उनका विश्लेषण करने के लिए एक तकनीकी प्लेटफॉर्म है जिससे इस योजना में जॉब कार्ड संबंधित की जा रही धांधली को आसानी से पकड़ा जा सकता है इसके साथ ही साथ धन के सही समय पर मजदूरों के खातों में पहुंचने के उपाय भी किए जा रहे हैं।।
MIGRANT LABOUR / प्रवासी मजदूर
इस लेख में प्रवासी मजदूर माइग्रेंट लेबर शब्द का भी बहुत बार उपयोग हुआ है तथा परीक्षा के दृष्टिकोण से यह शब्द भी काफी महत्वपूर्ण है चलिए चलते चलते संक्षिप्त में और आसान भाषा में इस शब्द को भी समझ लेते हैं।
MIGRANT LABOUR / प्रवासी मजदूर वे मजदूर जो काम पाने के लिए अपने मूल स्थान से किसी दूसरे स्थान पर प्रवास करते हैं ऐसे मजदूरों को प्रवासी मजदूर कहते हैं हमारे देश में इस समय कुल जनसंख्या का 37% भाग प्रवासी मजदूरों की श्रेणी में आता है अगर कुल संख्या के हिसाब से बात करें तो यह करीब45 करोड़ होती है प्रवासी मजदूर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं --
1 अंतः राज्यीय प्रवासी मजदूर INTRA STATE MIGRANT LABOUR वे प्रवासी मजदूर जो उसी राज्य में एक जिले से दूसरे जिले मैं मजदूरी के लिए जाते हैं
2. दूसरे अंतर राज्य प्रवासी मजदूर INTER STATE MIGRANT LABOUR अपने राज्यों को छोड़कर किसी दूसरे राज्य में मजदूरी के लिए जाते हैं।
MGNREGA-2 /मनरेगा 2
मनरेगा -2 योजना ,मनरेगा के कार्यों में जो कमियां उजागर हुई है तथा जो समस्याएं देखने को मिली है उनके निवारण के उद्देश्य से मिहिर शाह समिति की सिफारिशों पर उसका निर्माण किया गया है । यह वास्तव में दूसरी पीढ़ी का मनरेगा कार्यक्रम है इसका उद्देश्य स्थाई संपदा का निर्माण करना कृषि गत उत्पादकता को बढ़ाना साथ-साथ कार्य में देरी जैसी शिकायतों तथा कार्यक्रमों के अंतर्गत भ्रष्टाचार के कारणों को दूर करना है इसकी विशेषताएं निम्न लिखित है -
कार्यक्रम में मांग आधारित पहलु लो मजबूत करना ,श्रम बजट की प्रस्तुति ,सख्त समय सारणी का पालन, पर्याप्त मानव संसाधन ,स्वीकार्य कार्यो की विस्तार सूची ,भुगतान में देरी की समस्या को समाप्त करना ,आदि कुल मिलाकर के मनरेगा योजना के जो कमियां थी उसी को दूर करने के प्रयासों को संक्षिप्त में मनरेगा 2 कहा गया है और यह मिहिरशाह समिति की सिफारिश पर लागू की गई है।
श्रम सिद्धि अभियान -MP GOVT,
श्रम सिद्धि अभियान मध्यप्रदेश में चलाया जा रहा है इस अभियान में ऐसे मजदूर जो कि कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडॉउन होने से दूसरे शहरों से वापस अपने घरों को लौटे हैं उनको रोजगार दिलाने की दिशा में श्रम सिद्धि अभियान संचालित किया जा रहा है इस योजना में दूसरे शहरों से वापस अपने गांव में लौटे मजदूरों को जॉब कार्ड प्रदान किए जा रहे हैं तथा उनको मनरेगा योजना के तहत विभिन्न प्रकार के कार्यों में सम्मिलित किया जाएगा ताकि LOCK DOWN की वजह से उनके रोजगार जाने कि जो समस्या उत्पन्न हुई है उसमें उनकी कुछ मदद की जा सके यह योजना मध्य प्रदेश शासन के द्वारा मई 2020 में प्रारंभ की गई है तथा इस योजना का कार्य मनरेगा योजना के समान ही रहेगा ,इसका उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करके उनके वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था सुनिश्चित करना है साथ ही साथ ग्रामीण अधोसंरचना में विकास को गति देना शामिल है।इस लेख में परीक्षा के दृष्टिकोण से मनरेगा योजना से संबंधित सभी प्रावधानों
- मनरेगा योजना क्या है
- यह योजना कब से लागू हुई
- इसका इसका पूरा नाम
- इसके के उद्देश्य
- इसके के लाभ या महत्व
- इसकी की प्रमुख चुनौतियां
- इस योजना की चुनौतियों से निपटने के लिए किए गए सरकारी प्रयास।
- इस योजना के प्रमुख नुकसान
- योजना के वित्तीय प्रावधान
- योजना के तहत जारी किए जाने वाले जॉब कार्ड
- बेरोजगारी भत्ता
- प्रवासी मजदूर
- Geo मनरेगा
- MGNREGA -2
- श्रमसिद्धि अभियान
आपके कुछ प्रश्न या कुछ सुझाव हो तो आप कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।
read also---