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MPPSC ESSAY WRITING / ESSAY ON ELECTRONIC MEDIA IN HINDI


यहां पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और समाज शीर्षक के अंतर्गत  500 शब्द तथा  1000 शब्दों  में  दो निबंध दिए गए जो की परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है !इन  निबंध की भाषा शैली आसानी से समझने के अनुकूल है।


ESSAY ON ELECTRONIC MEDIA  IN HINDI,


निबंध- इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और समाज में इसकी भूमिका


                                                                             रूपरेखा

  •  प्रस्तावना
  •  परिभाषा 
  • मीडिया के प्रकार 
  • मीडिया लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ 
  •  इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का प्रभाव 
  • इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लाभ 
  • इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से हानि 
  • उपसंहार 

में लाखों संगीनों की अपेक्षा तीन विरोधी समाचार पत्रों से अधिक डरता हूं ,,,,,,, नेपोलियन
 प्रस्तावना -वर्तमान समय में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की समाज में भूमिका सर्वोच्च स्थान पर है  इसके अंतर्गत रेडियो टेलीविजन और सिनेमा आते हैं सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में इंटरनेट फेसबुक व्हाट्सएप इंस्टाग्राम आदि की भूमिका शिखर पर पहुंच गई है सोशल मीडिया के द्वारा गलत विषय वस्तु को भी सही बता कर लोगों के जहन में बैठाया जा सकता है इससे इसकी  शक्ति का अंदाजा लगाया जा सकता है
    परिभाषा ---मीडिया अर्थात जनसंचार ,यह मीडियम शब्द का बहुवचन रूप है जिसका अर्थ होता है- माध्यम !जिन साधनों का प्रयोग कर बहुत से मानव समूहों तक विचारों भावनाओं व सूचनाओं को संप्रेषित किया जाता है उन्हें हम जनसंचार माध्यम या मीडिया कहते हैं !

प्रकार --जनसंचार के माध्यम को 3 वर्गों में विभाजित किया जा सकता है !
प्रिंट मीडिया -उदाहरण के लिए अखबार पुस्तके पोस्टर पत्र पत्रिकाएं आदि
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया -उदाहरण रेडियो टेलीविजन सिनेमा इत्यादि
 न्यू इलेक्ट्रॉनिक मीडिया - उदाहरण व्हाट्सएप फेसबुक टि्वटर इंस्टाग्राम आदि

 मीडिया लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ -इसे  लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ माना जाता है लोकतंत्र के तीन स्तंभ है ---

  1. विधायिका 
  2. कार्यपालिका 
  3. और न्यायपालिका

  विधायिका का कार्य  कानून का निर्माण करना होता है।
कार्यपालिका का कार्य कानून को लागू करना होता है
 न्यायपालिका का कार्य कानून को लागू करवाना होता है
उपरोक्त तीनों स्तंभों पर निगरानी रखकर लोकतांत्रिक भावनाओं की रक्षा करने का दायित्व जनसंचार के माध्यमों  पर भी होता है!
            डेन ड्रोन ने ठीक ही लिखा है मीडिया अव्यवस्था का उचित हथियार है !
ESSAY ON ELECTRONIC MEDIA  IN HINDI,


इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का प्रभाव 

समाचार पत्र पत्रिकाएं रेडियो टेलीविजन विश्व भर में जनसंचार के प्रमुख एवं लोकप्रिय माध्यम बन चुके हैं वर्तमान समय में इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया जैसे फेसबुक टि्वटर व्हाट्सएप आदि भी इस नए युग में  खूब लोकप्रिय  हो रहे हैं ,वर्तमान में हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन सुविधा उपलब्ध है और हिंदुस्तान में भी करोड़ों लोग इसका उपयोग कर रहे हैं यह , जनसंपर्क एवं जनसंचार का एक सशक्त माध्यम बन गया है यह न केवल सूचना के प्रसार का कार्य करता है बल्कि लोगों को अपनी राय कायम करने में भी सहायक होता है ,जनमत के निर्माण के बाद जनक्रांति ही नहीं बल्कि अन्य अनेक प्रकार का परिवर्तन संभव  हुआ है, यहां तक कि कभी-कभी सरकार को गिराने में भी अपनी भूमिका निभाते हैं,

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से लाभ

 पिछले कुछ वर्षों में इसमें  काफी वृद्धि हुई है जिससे लोगों की इस के प्रति रुचि बढ़ी है इसका प्रभाव आधुनिक समाज पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है चाहे फैशन का प्रचलन हो चाहे आधुनिक गीत का प्रचार प्रसार, इन सभी में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण होती है वर्तमान में गायिका  रानू मंडल एक उदाहरण है जिन्हें फर्श  से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने बॉलीवुड की स्टार गायिका के रूप में आसमान पर पहुंचा दिया है ,
यद्यपि  भारत में अधिकतर फिल्मों का उद्देश्य मनोरंजन के माध्यम से धन कमाना होता है किंतु पिछले कुछ वर्षों में कुछ सार्थक एवं समाज उपयोगी फिल्मों का भी निर्माण हुआ है जिन्होंने समाज को दशा व दिशा प्रदान की है और समाज सुधार में  महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लोगों के रहन-सहन आचार विचार बोलचाल रंग ढंग सभी में टेलीविजन एवं सिनेमा का स्पष्ट प्रभाव देखने को मिलता है !युवा वर्ग के अतिरिक्त बच्चों एवं महिलाओं पर भी इसका प्रभाव पड़ता है जो उनके रहन-सहन में स्पष्ट रूप से देखने को मिलता है!  यहां तक कि यह संस्कृति को भी प्रभावित करने में पूर्ण रूप से सक्षम होता है आजकल भारतीय युवा वर्गों के पश्चिमीकरण, पश्चिमी संस्कृति के प्रति उनकी रुचि इसी का प्रभाव है ,इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से देश के हर गतिविधि की जानकारी मिलती है साथ ही यह मनोरंजन का भी एक अच्छा साधन है यह  देश की राजनीति सामाजिक आर्थिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों की सही तस्वीर प्रस्तुत करता है चुनाव एवं अन्य परिस्थितियों में सामाजिक एवं नैतिक मूल्यों से अवगत कराने की जिम्मेदारी भी संचार माध्यमों  की ही होती है यह सरकार एवं जनता के मध्य सेतु का कार्य करता है ,जनता की समस्याओं को इस माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जाता है विभिन्न अपराधों एवं घोटालों का भी पर्दाफाश करके देश की जनता के सामने सच्चाई से अवगत कराया जाता है ,

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ESSAY ON ELECTRONIC MEDIA  IN HINDI,

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से हानियां 

यह  अपनी नैतिकता भूलकर लालच में आकर कभी-कभी गलत जानकारियां लोगों तक पहुंचाते हैं जो कि समाज में ज़हर घोलने का कार्य करती है ,पीत पत्रकारिता जिसे अंग्रेजी में येलो जर्नलिज्म कहते हैं जिससे के चलते पत्रकारिता में विश्वसनीयता में कमी आई है पिछले कुछ वर्षों में व्यवसायिक लाभ के कारण  विशेष समाचारों को प्राथमिकता देने की घटनाओं में भी तेजी से वृद्धि हुई है फलस्वरूप इनकी विश्वसनीयता पर भी प्रश्न उठने शुरू हो गए हैं !भारत में अधिकतर समाचार पत्र एवं न्यूज़ चैनलों का स्वामित्व किसी बड़े उद्यमी घराने के पास होता है जनहित एवं देशहित से अधिक इन्हें अपने उद्यमों के हितों की चिंता रहती है इस प्रकार की पत्रकारिता किसी भी देश के लिए घातक हो सकती है ऐसी पत्रकारिता पर भी देश को लगाम लगाना जरूरी है!
ESSAY ON ELECTRONIC MEDIA  IN HINDI,

 उपसंहार 
आज यह  प्रत्येक व्यक्ति के पास स्मार्टफोन के रूप में उपलब्ध है कोई भी व्यक्ति इसके
   द्वारा अपने व्यक्तिगत विचारों को साझा कर रातों-रात सही या गलत दिशा में भी आंदोलन खड़ा कर सकता है अगर इसका सही उपयोग किया जाए तो यह देश को उन्नति की ओर अग्रसर करता है गलत दिशा में  इसका  प्रयोग या अफवाहें फैलाने से यह  समाज में जहर घोल देती है तथा समाज को सांप्रदायिक लड़ाई झगड़ों और दंगों का कारण बनती है, सरकार को इलेक्ट्रॉनिक  तथा सोशल मीडिया पर निगरानी रखकर इन्हें फ्रीहैंड कर देना चाहिए! तथा गलत दिशा में होने पर या अफवाह फैलाने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाना चाहिए  ये जनसंचार के माध्यम  व्यक्ति के हाथ में दिए गए उसे चाकू के समान है वह चाहे तो इसका उपयोग नरसंहार में कर सकता है या भोजन बनाने में ,,यह व्यक्ति के मानसिक स्तर पर निर्भर करता है!
 जनसंचार माध्यम पर नियंत्रण करना बुद्धि पर नियंत्रण करने के समान है !किसी भी देश में जनता का मार्गदर्शन करने के लिए जनसंचार के सभी  माध्यमों को  निष्पक्ष एवं निर्भीक होना आवश्यक है।


ESSAY ON ELECTRONIC MEDIA  ( 500 ward )

 प्रस्तावना -वर्तमान समय में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की समाज में भूमिका सर्वोच्च स्थान पर है  इसके अंतर्गत रेडियो टेलीविजन और सिनेमा आते हैं सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में इंटरनेट फेसबुक व्हाट्सएप इंस्टाग्राम आदि की भूमिका शिखर पर पहुंच गई है सोशल मीडिया के द्वारा गलत विषय वस्तु को भी सही बता कर लोगों के जहन में बैठाया जा सकता है इससे इसकी  शक्ति का अंदाजा लगाया जा सकता है


इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का प्रभाव 
समाचार पत्र पत्रिकाएं रेडियो टेलीविजन विश्व भर में जनसंचार के प्रमुख एवं लोकप्रिय माध्यम बन चुके हैं वर्तमान समय में इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया जैसे फेसबुक टि्वटर व्हाट्सएप आदि भी इस नए युग में  खूब लोकप्रिय  हो रहे हैं ,वर्तमान में हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन सुविधा उपलब्ध है और हिंदुस्तान में भी करोड़ों लोग इसका उपयोग कर रहे हैं यह , जनसंपर्क एवं जनसंचार का एक सशक्त माध्यम बन गया है यह न केवल सूचना के प्रसार का कार्य करता है बल्कि लोगों को अपनी राय कायम करने में भी सहायक होता है !
ESSAY ON ELECTRONIC MEDIA  IN HINDI,

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से लाभ
 पिछले कुछ वर्षों में इसमें  काफी वृद्धि हुई है जिससे लोगों की इस के प्रति रुचि बढ़ी है इसका प्रभाव आधुनिक समाज पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है चाहे फैशन का प्रचलन हो चाहे आधुनिक गीत का प्रचार प्रसार, इन सभी में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण होती है वर्तमान में गायिका  रानू मंडल एक उदाहरण है जिन्हें फर्श  से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने बॉलीवुड की स्टार गायिका के रूप में आसमान पर पहुंचा दिया है ,

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से हानियां 
यह  अपनी नैतिकता भूलकर लालच में आकर कभी-कभी गलत जानकारियां लोगों तक पहुंचाते हैं जो कि समाज में ज़हर घोलने का कार्य करती है ,पीत पत्रकारिता जिसे अंग्रेजी में येलो जर्नलिज्म कहते हैं जिससे के चलते पत्रकारिता में विश्वसनीयता में कमी आई है पिछले कुछ वर्षों में व्यवसायिक लाभ के कारण  विशेष समाचारों को प्राथमिकता देने की घटनाओं में भी तेजी से वृद्धि हुई है फलस्वरूप इनकी विश्वसनीयता पर भी प्रश्न उठने शुरू हो गए हैं !भारत में अधिकतर समाचार पत्र एवं न्यूज़ चैनलों का स्वामित्व किसी बड़े उद्यमी घराने के पास होता है जनहित एवं देशहित से अधिक इन्हें अपने उद्यमों के हितों की चिंता रहती है इस प्रकार की पत्रकारिता किसी भी देश के लिए घातक हो सकती है ऐसी पत्रकारिता पर भी देश को लगाम लगाना जरूरी है!
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 उपसंहार 
आज यह  प्रत्येक व्यक्ति के पास स्मार्टफोन के रूप में उपलब्ध है कोई भी व्यक्ति इसके
   द्वारा अपने व्यक्तिगत विचारों को साझा कर रातों-रात सही या गलत दिशा में भी आंदोलन खड़ा कर सकता है अगर इसका सही उपयोग किया जाए तो यह देश को उन्नति की ओर अग्रसर करता है गलत दिशा में  इसका  प्रयोग या अफवाहें फैलाने से यह  समाज में जहर घोल देती है !!
 जनसंचार माध्यम पर नियंत्रण करना बुद्धि पर नियंत्रण करने के समान है !किसी भी देश में जनता का मार्गदर्शन करने के लिए जनसंचार के सभी  माध्यमों को  निष्पक्ष एवं निर्भीक होना आवश्यक है।



अगर आप इस लेख के संबंध  में कुछ सुझाव  देना चाहते  है तो निचे कमेंट बॉक्स में  लिखे ,,,,,,,,,,

मगनेरगा ,,पूरी जानकारी आसान भाषा में - यहाँ क्लिक करे 

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