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भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभिसमय /,UN Convention against Corruption – UNCAC/ भ्रष्टाचार पर संयुक्त राष्ट्र संघ की घोषणा*

भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभिसमय ,

Convention against Corruption in Hindi  

UNCAC UPSC/MPPSC ,

भ्रष्टाचार पर संयुक्त राष्ट्र संघ की घोषणा-MPPSC 

UN Convention against Corruption – UNCAC भ्रष्टाचार पर संयुक्त राष्ट्र संघ की घोषणा*

भ्रष्टाचार पर संयुक्त राष्ट्र संघ की घोषणा - mppsc , upsc ,

UN Convention against Corruption in hindi mppsc upsc ,

भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभिसमय ethics paper 


       भ्रष्टाचार का मुद्दा वर्तमान में एक वैश्विक मुद्दा बन गया है इस सवाल को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ की तात्कालिक महासचिव कोफी अन्नान ने एक सम्मेलन का आयोजन करके यह स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार के कारण पूरी दुनिया में बड़े पैमाने पर सामाजिक मूल्यों का हास हुआ है तथा इसके कुप्रभाव से संपूर्ण विश्व का सामाजिक व आर्थिक संतुलन खतरे में पड़ गया है।
       मौजूदा आपराधिक कानून भ्रष्टाचार को रोकने में काफी नहीं है। क्योंकि भ्रष्टाचार एक किस देश की समस्या ना हो कर वैश्विक समस्या है अतः इसका हल भी वैश्विक स्तर के प्रयासों से ही संभव होगा इसी विचार को मूर्त रूप देने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में अक्टूबर 2003 में एक सम्मेलन हुआ तथा इस सम्मेलन की परिणिति भ्रष्टाचार पर संयुक्त राष्ट्र संघ की घोषणा पत्र की निर्माण के रूप में हुई इस घोषणा पत्र को तात्कालिक 58 देशों जिनमें भारत भी सम्मिलित था के द्वारा स्वीकृत किया गया इस घोषणापत्र में कुल 8 अध्याय तथा 71 अनुच्छेद हैं।

UN Convention against Corruption – (UNCAC )

भ्रष्टाचार पर संयुक्त राष्ट्र संघ की घोषणा*

1. सदस्य देशों को अपने यहां भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रभावी कानूनों का निर्माण करना होगा।
2. भ्रष्टाचार से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु एक सूचना तंत्र विकसित किया जाएगा जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत होगा।
3. बिजी शत्रु में भ्रष्टाचार की पहचान व रोकथाम के लिए प्रभावी कानून बनाए जाएंगे ताकि समाज में निजी व शासकीय दोनों स्तरों पर जनता को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल सके।
4. सभी सदस्य देश अपने नागरिकों व एन जी ओ को भ्रष्टाचार सशक्तिकरण पर बल देगा जो भ्रष्टाचार विरोधी कानून बने उनका मूल्यांकन आम जनता के द्वारा किया जाएगा।
5. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध को रोकने के लिए प्रयास किए जाएंगे साथ ही भ्रष्ट लोगों को आसानी से प्रत्यर्पित किया जाएगा।
6. सदस्य देशों को सहायता उपलब्ध करवाने हेतु एक सचिवालय की स्थापना का भी प्रावधान किया गया।
7. सार्वजनिक सेवाओं में कंप्यूटराइजेशन व डिजिटल तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाएगा जिससे नागरिक व सरकारी पदाधिकारी के बीच प्रत्यक्ष संपर्क कम से कम हो जिससे भ्रष्टाचार की संभावित दशाओं पर रोक लगाई  जा सके ।
8. नियमों एवं प्रक्रियाओं को सरल व पारदर्शी बनाया जाए।
9. जिन प्रक्रिया व विभागों में भ्रष्टाचार की ज्यादा संभावना है उम्र का पता लगाकर प्रभावी उपाय किए जाएंगे।
10. भ्रष्टाचार की शिकायत करता को उचित सुविधा व गोपनीयता सुनिश्चित करवाई जाएगी तथा शिकायतों पर की गई कार्यवाही की पुनः जानकारी भी शिकायतकर्ता को दी जाएगी।
11. सार्वजनिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को उचित व पर्याप्त पारिश्रमिक एवं वेतन पर ध्यान दिया जाएगा ताकि भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करना सफल हो सके।
12. जनता को जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
13. सार्वजनिक खरीद और वित्त पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जिसमें ऐसे प्रयास किए जाएंगे कि जिस दिन में सरकारी खरीद में पारदर्शिता व प्रतिस्पर्धा दोनों के गुण नहीं हो।



भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र संघ की यह घोषणा भ्रष्टाचार को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कारण सिद्ध हो रहा है अभी तक कुल 172 देशों से भी ज्यादा देशों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया है तथा इन देशों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए किए जाने वाले प्रयासों में भी तेजी आई है किंतु इस प्रस्ताव का समर्थन करना अभी केवल पहला कदम है आवश्यकता इस बात की है कि इसके पूरे प्रावधानों को लागू किया जाए जिससे भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।
        भारत में इस प्रस्ताव के अनुरूप सिटीजन चार्टर का निर्माण सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का क्रियान्वयन आदि के द्वारा कार्य किए गए हैं।
                  संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2003 से 9 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस के रूप में मनाया जा रहा है जिसका प्रमुख उद्देश्य विश्व भर में भ्रष्टाचार के उन्मूलन हेतु जागरूकता कार्यक्रमों को क्रियान्वित करना है।                                           
                                                              

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