परंतु इस बार कोरोना महामारी के संदर्भ में विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा उठाए गए कदमों तथा कोरोना संक्रमण को रोकने में W.H.O.की कमियों की आलोचना तथा संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अपने अनुदान को स्थगित करने की घोषणा तथा इस संगठन का चीन के प्रति अति सकारात्मक झुकाव होने से यह संस्था काफी सुर्खियों में आई है, अतः यह पूरी संभावना है कि परीक्षा में विश्व स्वास्थ्य संगठन से संबंधित परंपरागत प्रश्नों के अलावा कोरोना महामारी के संदर्भ में भी प्रश्न पूछे जाएंगे।
World Health Organisation [WHO] question answer in Hindi,mppsc,upsc
विश्व स्वास्थ्य संगठन से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर,
कोविड-19 /कोरोना वायरस के संदर्भ में महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
यहां पर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों जैसे
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का इतिहास,
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के वर्तमान डायरेक्टर जनरल,
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के उद्देश्य इसके कार्य,
विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं भारत पर इसके प्रभाव,
विश्व स्वास्थ संगठन के विभिन्न कार्यक्रम ,
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा जारी की जाने वाली प्रमुख रिपोर्ट,
W.H.O.की फंडिंग,
विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोविड-19 महामारी पर अपनी भूमिका को लेकर आलोचना के प्रमुख बिंदु,
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में डब्ल्यूएचओ की क्या कमियां रही,
एवं इससे संबंधित अन्य प्रश्नों को सटीकता से तथा आसान भाषा के साथ वर्णन किया गया है
What is World Health Organisation ? W H O ka full form
विश्व स्वास्थ्य संगठन क्या है? एवं इसका इतिहास
यह स्वास्थ्य के क्षेत्र में दुनिया की शीर्ष संस्था है, तथा यह संयुक्त राष्ट्र का एक विशेष अभिकरण है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना वर्ष 1948 में की गई थी,
तथा इस संस्था में अपना कार्य 7 अप्रैल 1948 से प्रारंभ किया ,इसी कारण से प्रतिवर्ष 7 अप्रैल को पूरे विश्व में विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है ,
इस संस्था का मुख्यालय जेनेवा स्वीटजरलैंड में स्थित है
तथा भारत इस संस्था का सदस्य 12 जनवरी 1948 को बना था।
इस समय डब्ल्यूएचओ में 194 सदस्य राष्ट्र सम्मिलित है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के वर्तमान डायरेक्टर जनरल -Dr.Tedros Adhanomहै।
जो इथियोपिया के स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की उप निदेशक (डेप्युटी डायरेक्टर जनरल) भारत की डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने कार्यों को सुचारु रुप से संचालित करने के लिए पूरे विश्व को 6 भौगोलिक क्षेत्रों में विभाजित किया है जिनके नाम और उनके क्षेत्रीय मुख्यालय निम्न है
- अफ्रीका -हरारे
- यूरोप -कोपनहेगन
- दक्षिण पूर्वी एशिया -नई दिल्ली
- अमेरिका -वाशिंगटन डीसी
- पूर्वी मेडिटेरियन -कायरों
- पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र -मनिला
डब्ल्यूएचओ के साउथ ईस्ट एशिया रीजन का क्षेत्रीय कार्यालय नई दिल्ली में स्थापित किया गया है
डब्ल्यू एच ओ के द्वारा जारी की जाने वाली रिपोर्ट
World Health report (विश्व स्वास्थ्य रिपोर्ट)
Human resource for health report
Objective of World Health Organisation in Hindi
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख उद्देश्य
इस संगठन का प्रमुख उद्देश्य
- संपूर्ण विश्व की जनता के स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार लाना
- संचारी एवं गैर संचारी रोगों के प्रभावी उपायों की खोज करना एवं उन्हें लागू करना
- स्वास्थ्य के क्षेत्र में निरंतर निरीक्षण परीक्षण एवं अनुसंधान करना
- विश्व के सभी देशों को स्वास्थ्य के संबंध में सलाह एवं सहायता उपलब्ध करवाना
- स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने के कार्य करना
- विभिन्न रोगों के टीकाकरण संबंधी कार्य करवाना
- महामारी आपदा संबंधी एडवाइजरी जारी करना।
Covid-19 को लेकर डब्ल्यूएचओ की आलोचना के प्रमुख बिंदु
Covid-19 (कोरोना वायरस के संक्रमण को प्रभावी रूप से ना रोक पाने को लेकर डब्ल्यू एच ओ की भूमिका की लगभग सभी राष्ट्रों ने आलोचना की है, कोविड-19 को लेकर डब्ल्यूएचओ की आलोचना के निम्न बिंदु है।
इस संगठन का प्रमुख कार्य विभिन्न बीमारियों के बारे में उचित दिशा निर्देश और सही समय पर उन दिशा-निर्देशों को लागू करना है ,परंतु कोविड-19 (कोरोना महामारी) को लेकर विश्व स्वास्थ संगठन के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर Tedros Adhanom ने अपने दायित्वों का उचित प्रकार से निर्वाह नहीं किया है।
इस महामारी की शुरुआत चीन के वुहान शहर से दिसंबर 2019 में प्रारंभ हुई थी ,इस संदर्भ में चीन ने पूरी दुनिया को इस महामारी के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं बताई ,
परन्तु 8 जनवरी 2020 को डायरेक्टर जनरल डॉक्टर Tedros Adhanom ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर चीन की खूब तारीफ की ,तथा इस बात को भी सिरे से नकार दिया कि यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल ने इस कोविड-19 वायरस के प्रकोप को महामारी के रूप में 11 मार्च को घोषित किया ,यह कदम बहुत ही देरी से उठाया गया था, इसी के चलते या वायरस पूरी दुनिया में तेजी से फैल गया।
WHO ने इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किसी भी प्रकार का ट्रैवल बैन संबंधी दिशा निर्देश जारी नहीं किए,
अपितु जिन देशों ने इस संदर्भ में ट्रेवल बैन लागू किया था ,उनको भी ऐसा ना करने की सलाह दी थी।
चीन ने इस वायरस के संक्रमण से संबंधित पूरी जानकारी को छुपा कर रखा जबकि WHO के डायरेक्टर जनरल में चीन को पारदर्शी राष्ट्र बताते हुए उसके द्वारा उठाए गए कदमों की खूब तारीफ की।
अगर इन सभी कदमों को समय रहते लागू कर दिया जाता तो शायद इस वायरस का संक्रमण इतना तेजी से और इतने बड़े क्षेत्र में नहीं खेल पाता ,
परंतु विश्व स्वास्थ संगठन ने इस दिशा में हर कदम को बहुत ही लापरवाही एवं बहुत ही देर के साथ उठाया।
World Health Organisation funding
डब्ल्यूएचओ मैं फंडिंग निम्न प्रकार से होती है
इस संगठन में सभी सदस्य राष्ट्र प्रतिवर्ष निश्चित अंशदान करते हैं जिसे अंग्रेजी में Assessed funding कहते हैं ,
दूसरा फंडिंग का तरीका स्वैच्छिक अनुदान (वॉलंटरी फंडिंग)है ,इसमें विश्व के देश अपनी इच्छा अनुसार इस संस्था को दान करते हैं
वहीं कुछ अंतरराष्ट्रीय परोपकारी संस्थाएं जैसे मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन भी इस संस्था को दान देते हैं
इसी राशि का उपयोग करके यह संस्था अपने विभिन्न कार्यों को संचालित करती है।
इस संगठन में संयुक्त राज्य अमेरिका की भागीदारी वॉलंटरी फंडिंग तथा सदस्य के रूप में अंशदान को मिलाकर करीब 8.1% है।
परंतु हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा विश्व स्वास्थ संगठन को दी जाने वाली इस फंडिंग को रोकने की घोषणा की है ।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपनी फंडिंग रोकने का यह कदम डब्ल्यूएचओ का चीन के प्रति झुकाव एवं पारदर्शी रवैया के साथ कार्य न करने का आरोप लगाते हुए उठाया हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत या विश्व स्वास्थ संगठन का भारत पर क्या प्रभाव रहा ?
एवं इस संगठन द्वारा भारत में संचालित विभिन्न कार्यक्रम एवं योजनाएं।
भारत डब्ल्यूएचओ का संस्थापक सदस्य रहा है,
भारत इस संगठन में 12 जनवरी 1948 को सम्मिलित हुआ था,
इस संस्था ने भारत में निम्नलिखित प्रमुख अभियान संचालित कर विभिन्न रोगों के उन्मूलन एवं रोकथाम में उल्लेखनीय कार्य किया है।
भारत में वर्ष 1967 के समय चेचक( स्मॉल पॉक्स )के मरीजों की संख्या पूरे विश्व कि करीब 70% थी ,तथा यह एक गंभीर बीमारी थी,
विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशन में 1967 में भारत में चेचक अर्थात smallpox को रोकने एवं उसको उन्मूलन करने की दिशा में एक प्रभावी कार्यक्रम intensified eradication programme for smallpox प्रारंभ किया गया ,तथा 10 वर्षों में 1977 तक चेचक को भारत से पूरी तरह समाप्त करने में सफलता प्राप्त कर ली।
इसी प्रकार पोलियो के क्षेत्र में भी प्रभावी कार्य किए एवं इसका भी उन्मूलन भारत से संभव हो सका।
इसके अलावा स्वास्थ्य शिक्षा संचारी एवं संचारी रोगों की रोकथाम के अनेक कार्य भारत में अभी भी संचालित हैं।
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