इस समय मध्यप्रदेश में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थलों के रूप में मान्यता प्राप्त तीन स्थान है जिनका वर्णन एवं यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत सूची में शामिल करने का वर्ष तथा उस स्थान से संबंधित महत्वपूर्ण एवं रोचक जानकारी प्रदान की गई गई है।
मध्यप्रदेश में विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल
World famous tourist places in Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश का पहला विश्व धरोहर स्थल खजुराहो है दूसरा सांची तथा तीसरा भीमबेटका की गुफाएं है।
Khajuraho temple Chhatarpur district Madhya Pradesh [मध्य प्रदेश का पहला विश्व धरोहर स्थल]
खजुराहो मंदिर ना केवल मध्य प्रदेश ना केवल भारत अपितु पूरे विश्व में प्रसिद्ध है,
इन मंदिरों का निर्माण चंदेल राजाओं ने 950 ईसवी से 1050 ईसवी के मध्य करवाया था ,वर्तमान में इन मंदिरों की संख्या लगभग 25 है, परंतु ऐसा माना जाता है उस समय के राजाओं ने करीब 85 मंदिर बनवाए थे,
खजुराहो के मंदिरों को 1986 में विश्व धरोहर स्थलों में सम्मिलित किया गया था ,
वर्ष 1976 से ही खजुराहो में प्रतिवर्ष खजुराहो शास्त्रीय नृत्य समारोह का आयोजन किया जाता है ,
खजुराहो के मंदिर पत्थरों से निर्मित है ,
इन मंदिरों की प्रमुख विशेषता मैथुन अर्थात रति क्रियाओं का सजीव चित्रण है।
खजुराहो के प्रसिद्ध मंदिरों में कंदरिया महादेव का मंदिर बहुत प्रसिद्ध है इस मंदिर का निर्माण यशोवर्मन नामक शासक ने करवाया था
इसके अलावा चौसठ योगिनी मंदिर, विश्वनाथ मंदिर, लक्ष्मण मंदिर ,चित्रगुप्त मंदिर ,पारसनाथ मंदिर, चतुर्भुज मंदिर, आदिनाथ मंदिर, घटाई मंदिर ,दूल्हा देव मंदिर आदि प्रसिद्ध है,
खजुराहो के मंदिरों को भारत के विभिन्न क्षेत्रों में पाए जाने वाले मंदिरों की स्थापत्य कला के आधार पर तीन भागों में बांटा गया है
पश्चिमी समूह के मंदिर
पूर्वी समूह के मंदिर एवं
दक्षिणी समूह के मंदिर
अभी कुछ समय पहले भारत सरकार ने खजुराहो में भारत का पहला डायमंड म्यूजियम स्थापित किया है।
सांची [बौद्ध पर्यटक स्थल ] मध्य प्रदेश का दूसरा विश्व धरोहर स्थल
सांची को विरासत स्थलों की सूची में 1989 में सम्मिलित किया गया ,
यह स्थल भारत के महान सम्राट अशोक से संबंधित है, सांची के प्रसिद्ध स्थलों का निर्माण सम्राट अशोक के द्वारा ही करवाया गया था ,
इन स्तूपो में स्तूप क्रमांक 1 जिसे द ग्रेट स्तूप के नाम से भी जाना जाता है ,उसमें भगवान गौतम बुद्ध की अस्थियां एवं स्तूप क्रमांक 2 एवं 3 में गौतम बुद्ध के शिष्य सारीपुत्र एवं महा मोगलीयान की अस्थियां रखी गई है।
सांची के प्राचीन नाम - बेदीस गिरी ,चेतियगिरी , काकनाड एवं बौद्ध श्रीपर्वत थे।
सांची के प्रसिद्ध तोरण द्वार का निर्माण शुंग शासकों में सबसे प्रतापी राजा पुष्यमित्र शुंग के द्वारा करवाया गया था।
इसी तोरण द्वार का चित्र सांची के स्तूप के प्रतीक चिन्ह के रूप में विभिन्न स्थानों पर देखने को मिलता है।
भारत में विश्व धरोहर स्थलों की सूची एवं रोचक तथ्य- click here
मध्य प्रदेश में स्थित तीसरा विश्व धरोहर स्थल भीमबेटका की गुफाएं हैं ,
यह गुफाएं मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है तथा यह विश्व की सबसे प्राचीन गुफा समूह है
इन गुफाओं की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां पर जो पत्थरों पर चित्र बनाए गए थे वह चित्र अभी भी सुरक्षित स्थिति में विद्यमान है ,इन गुफाओं में बनाए गए चित्रों का वैज्ञानिकों ने अध्ययन कर यह पता लगाया है कि यह चित्र आज से करीब 20000 वर्ष पूर्व के आदि मानव द्वारा बनाए गए थे ,
अर्थात इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस समय के आदिमानव ने जो रंगों का प्रयोग इन चित्रों को बनाने में किया है वह कितनी उत्कृष्ट तकनीक रही होगी ,
इन चित्रों से हमें उस समय के सामाजिक जीवन की जानकारी मिलती है इन चित्रों में शिकार करना नृत्य त्योहार मनाना एवं इससे संबंधित क्रियाओं का विवरण किया गया है।
इन गुफाओं को यूनेस्को द्वारा वर्ष 2003 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया था,
इन गुफाओं की खोज 1957 में भारत की प्रसिद्ध इतिहासकार श्री विष्णु श्रीधर वाकणकर के द्वारा की गई थी।