रस -छंद -अलंकार किसे कहते है ?
ras chand alankar in hindi
रस -छंद -अलंकार से सम्बंधित उदाहरण व प्रश्न उत्तर-
रस किसे कहते हैं?
रस का शाब्दिक अर्थ 'आनंद' होता है
काव्य को पढ़ने ,सुनने या देखने से जिस आनंद की अनुभूति होती है उसे 'रस' कहा जाता है।
रस के चार अंग होते हैं
- स्थाई भाव-स्थाई भाव की संख्या 9 मानी गई है
- विभाव-विभाव की संख्या दो मानी गई है
- अनुभाव-अनुभाव की संख्या 8 मानी गई हैं
- संचारी भाव-संचारी भाव की संख्या 33 मानी गई है
छंद किसे कहते हैं?
छंद वर्णों एवं मात्राओं की संख्याओं पर निर्भर करते हैं।
छंद के 7 अंग होते हैं
- चरण ,
- वर्ण और मात्रा,
- संख्या और क्रम,
- गण ,
- गति,
- यति ,
- तुक
छंद के दो भेद होते हैं
- वर्णिक छंद ,
- मात्रिक छंद
वर्णिक छंद
जिनमें वर्णों के आधार पर गणना की जाती है।
मात्रिक छंद-
जिनमें मात्राओं के आधार पर गणना की जाती है।
अलंकार किसे कहते हैं?
काव्य की शोभा में वृद्धि करने वाले अलंकरणों को अलंकार कहते हैं।
अलंकार तीन प्रकार के होते हैं
- शब्दालंकार
- अर्थालंकार,
- आधुनिक/पाश्चात्य अलंकार
शब्दालंकार -
जो अलंकार शब्द पर आधारित होते हैं उन्हें शब्दालंकार करते हैं।
अर्थालंकार -
जो अलंकार अर्थ पर आधारित होते हैं उन्हें अर्थालंकार कहते हैं।
आधुनिक/पाश्चात्य अलंकार -
आधुनिक काल में पाश्चात्य साहित्य से प्राप्त अलंकारों को आधुनिक/पाश्चात्य अलंकार कहते हैं