संघ लोक सेवा आयोग -MPPSC PRELIMS EXAM
Union Public Service Commission-mppsc pre-2020-2021
➥मुख्यालय नई दिल्ली
➥संवैधानिक प्रावधान -- संविधान के भाग-14 के अंतर्गत अनुच्छेद 315-323 में एक संघीय लोक सेवा आयोग और राज्यों के लिए राज्य लोक सेवा आयोग के गठन का प्रावधान है।
➥वर्तमान अध्यक्ष-श्री प्रदीपकुमार जोशी
➥संवैधानिक प्रावधान -- संविधान के भाग-14 के अंतर्गत अनुच्छेद 315-323 में एक संघीय लोक सेवा आयोग और राज्यों के लिए राज्य लोक सेवा आयोग के गठन का प्रावधान है।
➥वर्तमान अध्यक्ष-श्री प्रदीपकुमार जोशी
संघ लोक सेवा आयोग का इतिहास
history of Union public service commission-
- भारत में लोक सेवा आयोग की स्थापना भारत शासन अधिनियम 1919 के प्रावधानों के तहत एवं ली कमीशन की सिफारिशों के आधार पर 1 अक्टूबर 1926 को हुई,
- इसके पश्चात भारत शासन अधिनियम 1935 के प्रावधानों के तहत इसे फेडरल पब्लिक सर्विस कमीशन के रूप में जाना जाने लगा ,
- स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात 26 जनवरी 1950 को फेडरल पब्लिक सर्विस कमिशन को संवैधानिक दर्जा दिया गया तथा इसका नाम संघ लोक सेवा आयोग अर्थात यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन किया गया,
- ब्रिटिश भारत में लोक सेवा आयोग के सबसे पहले अध्यक्ष सर रोज बारकर थे.
- स्वतंत्र भारत में संघ लोक सेवा आयोग के सबसे पहले अध्यक्ष एच के कृपलानी थे,
- आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की
- संविधान में सदस्यों की संख्या से संबंधित प्रावधान नहीं किया गया है ,सदस्यों की संख्या निर्धारण करने का अधिकार राष्ट्रपति को दिया गया है
- कम से कम आधे सदस्य किसी लोक सेवा के सदस्य (कार्यरत या अवकाशप्राप्त) होते हैं जो न्यूनतम 10 वर्षों के अनुभवप्राप्त हों
- इनका कार्यकाल 6 वर्षों या 65 वर्ष की उम्र (जो भी पहले आए) तक का होगा।
- ये कभी भी अपना इस्तीफ़ा राष्ट्रपति को दे सकते हैं।
- इससे पहले राष्ट्रपति इन्हें पद की अवमानना या अवैध कार्यों में लिप्त होने के लिए बर्ख़ास्त कर सकता है।
संघ लोक सेवा आयोग के कार्य एवं शक्तियां -
- संघ लोक सेवा आयोग विभिन्न अखिल भारतीय सेवाओं की नियुक्ति के लिए परीक्षा आयोजित करता है
- संघ लोक सेवा आयोग अखिल भारतीय स्तर की सेवाओं के अतिरिक्त अन्य केंद्रीय कार्मिकों की नियुक्ति के लिए भी परीक्षा आयोजित करता है।
- संघ लोक सेवा आयोग स्थानांतरण पदोन्नति विभागीय जांच आदि से संबंधित विभिन्न विभागों के निवेदन पर अपना योगदान देता है
- संघ की सेवाओं के दौरान घायल हो जाने के कारण पेंशन देने संबंधी मामलों से जुड़े कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
- संघ लोक सेवा आयोग राष्ट्रपति द्वारा सोंपे गए अन्य गए दायित्वों को भी पूरा करता है
- यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन को सिविल न्यायालय की शक्तियां प्राप्त होती है
संघ लोक सेवा आयोग की स्वतंत्रता एवं स्वायत्तता संबंधी प्रावधान
- लोक सेवा आयोग एक संवैधानिक संस्था है ,अर्थात इसका निर्माण संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार हुआ है ,
- इनके अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति एवं सेवा की शर्तें राष्ट्रपति के द्वारा निर्धारित की जाती है,
- एक बार नियुक्ति के पश्चात उनके वेतन भत्ते सुविधाएं आदि के संदर्भ में कोई अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है ,
- लोक सेवा आयोग के सदस्यों के वेतन भत्ते पेंशन आदि भारत की संचित निधि पर भरित होते हैं, आयोग को सिविल न्यायालय की शक्तियां प्राप्त होती है ,
- आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित रीति का अनुसरण करने के पश्चात ही पद से हटाया जा सकता है
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन से संबंधित अनुच्छेद एवं संवैधानिक प्रावधान-
आर्टिकल 315 -
संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग
आर्टिकल 316 -
सदस्यों की नियुक्ति और पद की अवधि
आर्टिकल 317-
लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का हटाया जाना और उसे निलंबित किया जाना
आर्टिकल 318-
आयोग के सदस्यों और कर्मचारियों की सेवा की शर्तों के बारे में नियम बनाने की शक्ति
आर्टिकल 319 -
आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य ना रहने पर पद धारण करने के संबंध में प्रावधान
आर्टिकल 320 -
लोक सेवा आयोग के कार्य
आर्टिकल 321-
लोक सेवा आयोग के कार्यों का विस्तार करने की शक्ति
आर्टिकल 322-
लोक सेवा आयोग के व्यय एवं खर्चे
आर्टिकल 323-
लोक सेवा आयोग की रिपोर्ट / प्रतिवेदन