Difference between deputy collector and SDM in Hindi.डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम की शक्तियों में अंतर

डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम में अंतर

Difference between deputy collector and SDM in Hindi.

उप जिलाअधिकारी एवं उपखंड मजिस्ट्रेट की शक्तियों में क्या अंतर

Difference between deputy collector and SDM in Hindi.


डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम दोनों ही प्रशासनिक सेवा के महत्वपूर्ण पद है, परंतु इन दोनों ही पदों में शक्तियों एवं कार्यों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण अंतर है ,डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम की शक्तियों एवं कार्यों में प्रमुख अंतर [Difference between work and power of  deputy collector and SDM in Hindi] नीचे दिए गए हैं


डिप्टी कलेक्टर [उप जिला अधिकारी ]अपना कार्य राज्य के लैंड रिवेन्यू एक्ट के प्रावधानों के तहत करते हैं, जबकि उपखंड मजिस्ट्रेट या एसडीएम अपना कार्य दंड प्रक्रिया संहिता [सीआरपीसी] के प्रावधानों के अनुसार करते हैं।


डिप्टी कलेक्टर को किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने लाठीचार्ज करने धारा 144 लागू करने आदि से संबंधित शक्तियां नहीं होती है, जबकि SDM उपरोक्त सभी शक्तियों का प्रयोग सीआरपीसी 1973 के सेक्शन 20 की सबसेक्शन 4 के अनुसार इन शक्तियों का प्रयोग करते हैं।


डिप्टी कलेक्टर अपने अधिकार क्षेत्र में कानून व्यवस्था को लागू करवाने हेतु जिम्मेदार नहीं होते हैं जबकि एसडीएम अपने उपखंड (जो कि सामान्यतः एक या एक से अधिक तहसीलों को सम्मिलित करके बनाया जाता है) में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं।


डिप्टी कलेक्टर किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने संबंधी आदेश नहीं दे सकते हैं जबकि एसडीएम सीआरपीसी 1973 के सेक्शन 44 के अनुसार किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के आदेश जारी कर सकते हैं।

मध्यप्रदेश में डिप्टी कलेक्टर की शक्तियों का स्रोत एमपी लैंड रिवेन्यू एक्ट 1959 जबकि एसडीएम की शक्तियों का स्रोत सीआरपीसी के विभिन्न प्रावधान है।


एक डिप्टी कलेक्टर के पास राजस्व संबंधी शक्तियां होती है जबकि एक SDM के पास दंडाधिकारी एवं न्यायिक शक्तियां होती है।

 डिप्टी कलेक्टर को अपने कार्य एवं शक्तियों का आवंटन राज्य सरकार एवं संबंधित जिले के कलेक्टर के द्वारा किया जाता है जबकि एसडीएम को अपने कार्य करने हेतु शक्तियां CRPC-1973 के तहत स्वतः प्राप्त होती है.

 उपरोक्त बिंदु के अलावा यह बात भी महत्वपूर्ण है कि सभी डिप्टी कलेक्टर एसडीएम नहीं होते हैं साथ ही सभी एसडीएम भी डिप्टी कलेक्टर नहीं होते हैं,

 वेतन एवं सुविधाओं के दृष्टिकोण से डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम में कोई अंतर नहीं है इन दोनों पदों पर वेतन एवं सामान्य रूप से मिलने वाली सुविधाएं समान ही होती है इन दोनों पदों का प्रथम नियुक्ति के समय मूल वेतन 56100 रुपए होता है।

 आशा है कि आप को उपरोक्त वर्णन को पढ़ने के बाद डिप्टी कलेक्टर एवं एसडीएम के कार्य एवं शक्तियों में अंतर स्पष्ट हो गया होगा,


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