[mppsc pre *]मध्यप्रदेश के प्रमुख जनजातीय व्यक्तित्व - Major Tribal Personalities of Madhya Pradesh in Hindi
मध्यप्रदेश के प्रमुख जनजातीय व्यक्तित्व
Major Tribal Personalities of Madhya Pradesh in Hindi for mppsc prelims and other competitive exams
बिरसा मुण्डा-
बिरसा मुण्डा का नेतृत्व स्थल - डगडौआ (उमरिया)
इनका जन्म 15 नवंबर 1875 में हुआ था ,अंग्रेज पुलिस अधिकारियों ,महाजनों के शोषण वह अत्याचारों के खिलाफ छोटानागपुर क्षेत्र में मुण्डा आदिवासियों के विद्रोह (1899-1900) का नेतृत्व बिरसा मुण्डा ने किया, 3 फरवरी 1990 को इनको बंदी बनाया गया, 9 जून 1900 को राँची जेल में वीरगति को प्राप्त हुए।
शहीद मुड्डे बाई-
शहीद मुड्डे बाई का नेतृत्व स्थल-टुरिया ग्राम (सिवनी)
टुरिया काण्ड में मुड्डे बाई नेतृत्व करते हुए शहीद हुए, जंगल सत्याग्रह के अंतर्गत मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के टुरिया गांव में घास काट कर सत्याग्रह चलाया।
श्री मंशु ओझा
नेतृत्व - ग्राम घोड़ाडोंगरी (बैतूल)
इनका जन्म ग्राम राताभारी ,गौंड जाति की उपजाति ओझा समाज में हुआ, इन्होंने बैतूल जिले में अनेक आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई, 28 अगस्त 1981 को घोड़ाडोंगरी (जिला बेतूल) में इनका देहावसान हो गया।
रघुनाथ सिंह मंडलोई
नेतृत्व - बड़वानी
भिलाला जनजाति के व्यक्तित्व जिन्होंने 1857 की क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ,बीजागढ़ किले में मेजर कीटिंग ने धोखे से इनको बंदी बना लिया।
शंकर शाह का जन्म 1783 ईस्वी में हुआ, गढ़मंडला के गौंड शासक राजा शंकर शाह सुमेर शाह के एकमात्र पुत्र थे, शंकर शाह के पुत्र का नाम रघुनाथ शाह था, राजा शंकर शाह जमीदारों तथा आम जनता के बीच काफी लोकप्रिय थे इन्होंने 1857 की क्रांति का नेतृत्व महाकौशल क्षेत्र से किया, खुशालचंद्र नामक गद्दार राजमहल की सभी जानकारी अंग्रेजों को देता था, शंकर शाह गोंडवाना के राजा थे जिन्हें अंग्रेजों ने अपने पुत्र रघुनाथ शाह सहित 15 सितंबर 1858 को विप्लव भड़काने के अपराध में तोप के मुंह से बांध कर उड़ा दिया था यह दोनों गोंड समाज से थे।
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पेमा फाल्या
1986 में पेमा फाल्या को शिखर सम्मान तथा 2007 में तुलसी सम्मान से पुरस्कृत किया गया है, इनका जन्म चंद्रशेखर आजाद नगर, अलीराजपुर में हुआ था ,अप्रैल 2020 में उनका निधन हो गया, पैमा फाल्या द्वारा भील आदिवासियों का विश्व प्रसिद्ध पिथोरा चित्रकला में उस्ताद थे।
श्री नरेश चंद्र सिंह (राजा)
यह मध्य प्रदेश के पहले जनजातीय मुख्यमंत्री रहे, 21 नवंबर 1908 को जन्में राजा नरेश चंद्र सिंह छत्तीसगढ़ में स्थित रायगढ़ की सारंगगढ़ रियासत के शासक थे।
स्व. जमुनी देवी
इनका जन्म 19 नवंबर 1929 को सरदारपुर (धार) में हुआ तथा इनकी मृत्यु 24 सितंबर 2010 को हुई, स्व.जमुनी देवी का उपनाम बुआजी था, इन्हें 2001 में भारत ज्योति सम्मान से सम्मानित किया गया, मध्यप्रदेश की प्रथम महिला उपमुख्यमंत्री(1998) रही एवं पहली महिला नेता प्रतिपक्ष(2003, 12वीं विधानसभा की) बनने का गौरव प्राप्त है।
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श्री बादल भोई
बादल भोई छिंदवाड़ा जिले के एक क्रांतिकारी नेता थे, इनका जन्म 1845 में परासिया तहसील के डूंगरिया तीतरा गांव में हुआ था, इन्होंने असहयोग आंदोलन के समय 1923 में नेतृत्व करते हुए हजारों आदिवासियों के साथ कलेक्टर बंगले का घेराव किया, वन नियम तोड़ने के लिए गिरफ्तार किए गए तथा 1940 में अंग्रेजी शासक द्वारा जहर दिए जाने के बाद उन्होंने अपनी अंतिम सांस जेल में ही ली, राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
धीर सिंह
धीर सिंह का जन्म 1820 ईस्वी में रीवा राज्य के ग्राम कछिया टोला में हुआ था, रीवा के महाराजा के आदेश पर धीर सिंह पंजाब के राजा रंजीत सिंह के यहां पर नौकरी के लिए चले गए, 1857 की क्रांति में शंकर शाह की सलाह पर धीर सिंह ने रीवा राज्य से क्रांति का आगाज किया।
गंजन सिंह कोरकू
इनका जन्म बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी में हुआ था, बैतूल में 1930 में जंगल सत्याग्रह का आंदोलन गुंजन सिंह कोरकू के द्वारा किया गया, इसी जंगल सत्याग्रह में गुंजन सिंह कोरकू के साथी बंजारी सिंह कोरकू ने अपने प्राणों का बलिदान किया।
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मध्यप्रदेश के प्रमुख जनजातीय व्यक्तित्व -Major Tribal Personalities of Madhya Pradesh
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