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[imp*]प्रसिद्ध व्यक्तियों -महापुरुषों के उपनाम एवं उपाधियां

  प्रसिद्ध व्यक्तियों महापुरुषों के उपनाम एवं उपाधियां भारत एवं विश्व के विभिन्न राजनीतिक ,सामाजिक एवं अन्य क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त महान व्यक्तियों के उपनाम  एवं उनको दी गई उपाधियों से संबंधित प्रश्न विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाते हैं, यहां पर भारत के महान व्यक्तियों को दी गई उपाधि एवं उनके अन्य नाम [उपनाम ]के बारे में आसान भाषा में तथ्य प्रस्तुत किए गए हैं भारतीय शेक्सपियर के नाम से कालिदास जाने जाते हैं। तानसेन को संगीत सम्राट कहा जाता है। रानी लक्ष्मीबाई का उपनाम मनु था। लता मंगेशकर को स्वर साम्राज्ञी कहा जाता है। आचार्य पाणिनी व्याकरणाचार्य के रूप में प्रतिष्ठित हैं। विजयाराजे सिंधिया को राजमाता कहा जाता है। अशोक कुमार दादा मुनि के नाम से भी जाने जाते हैं। पंडित द्वारिका प्रसाद मिश्र आधुनिक चाणक्य के रूप में प्रतिष्ठित हैं। अहिल्याबाई होल्कर को लोकमाता/देवी के रूप में माना जाता है। राजेंद्र कुमार जैन[ रजनीश/ओशो] को भगवान उपनाम से जाना जाता है। पंडित कुंजीलाल दुबे को मध्यप्रदेश के विधि पुरुष कहा जाता है। संत सिंगाजी निमाड़ के कबीर के रूप में प्रसिद्ध है। आचार्य

मध्य प्रदेश में पुलिस प्रशासन व्यवस्था Police Administration in Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश में पुलिस प्रशासन  व्यवस्था  Police Administration in Madhya Pradesh  मध्यप्रदेश में पुलिस प्रशासनिक व्यवस्था, पुलिस प्रशिक्षण संस्थान एवं उनके मुख्यालय आदि से संबंधित तथ्य विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में विशेषतया  मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग [MPPSC]एवं मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा[ MP SI/ CONSTABLE EXAM ]में अक्सर पूछे जाते हैं यहां पर इन सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को आसान भाषा में कवर किया गया है जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी सागर में पुलिस प्रशिक्षण हेतु पुलिस महाविद्यालय की स्थापना की गई। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 15 फरवरी 1964 को भोपाल जिला में 'बंदी हित दिवस' का आयोजन किया गया था। मध्य प्रदेश में प्रथम पुलिस महानिर्देशक बी.पी. दुबे थे। मध्य प्रदेश के पुनर्गठन के पश्चात पुलिस मुख्यालय भोपाल में बनाया गया। पुलिस मोटर वर्कशॉप प्रशिक्षण रीवा में है। मध्य प्रदेश में हरिजन एवं आदिवासी प्रकोष्ठ की स्थापना पुलिस मुख्यालय भोपाल में की गई है। ले.कर्नल टेलर के प्रतिवेदन के अनुसार वर्ष 1861 में मध्यप्रदेश में पुलिस संगठन स्थापित किया गया है। अपराध अनुसंधान प्रशिक्षण केंद्र सागर

Difference between deputy collector and SDM in Hindi.डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम की शक्तियों में अंतर

डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम में अंतर Difference between deputy collector and SDM in Hindi. उप जिलाअधिकारी एवं उपखंड मजिस्ट्रेट की शक्तियों में क्या अंतर डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम दोनों ही प्रशासनिक सेवा के महत्वपूर्ण पद है, परंतु इन दोनों ही पदों में शक्तियों एवं कार्यों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण अंतर है , डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम की शक्तियों एवं कार्यों में प्रमुख अंतर  [Difference between work and power of  deputy collector and SDM in Hindi] नीचे दिए गए हैं डिप्टी कलेक्टर [उप जिला अधिकारी ]अपना कार्य राज्य के लैंड रिवेन्यू एक्ट के प्रावधानों के तहत करते हैं, जबकि उपखंड मजिस्ट्रेट या एसडीएम अपना कार्य दंड प्रक्रिया संहिता [सीआरपीसी] के प्रावधानों के अनुसार करते हैं। डिप्टी कलेक्टर को किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने लाठीचार्ज करने धारा 144 लागू करने आदि से संबंधित शक्तियां नहीं होती है, जबकि SDM उपरोक्त सभी शक्तियों का प्रयोग सीआरपीसी 1973 के सेक्शन 20 की सबसेक्शन 4 के अनुसार इन शक्तियों का प्रयोग करते हैं। डिप्टी कलेक्टर अपने अधिकार क्षेत्र में कानून व्यवस्था को लागू करवाने हेतु जिम्मेदा

[exam tips*] एग्जाम सिलेबस का रिवीजन कैसे करें - रिवीजन करने का सही तरीका

एग्जाम सिलेबस का रिवीजन कैसे करें ? रिवीजन करने का सही तरीका- How to revise exam syllabus tips in Hindi- किसी भी परीक्षा की तैयारी करने के लिए तैयार किए गए या पढ़े गए पाठ्यक्रम का रिवीजन करना बहुत महत्वपूर्ण कार्य है ,केवल पढ़ते रहना और उसका समय पर रिवीजन ना करना कभी भी अच्छे परिणाम नहीं देता है, इसलिए सबसे ज्यादा आवश्यक बात यह है कि आप जो भी पढ़े उसका एक निश्चित अंतराल पर रिवीजन करते रहे।। एग्जाम सिलेबस के  रिवीजन करने का सही तरीका इसके लिए आप  रिवीजन का 7+ 7 + 7 फार्मूला  अपना सकते हैं यह फार्मूला वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित है तथा पढ़े गए विभिन्न तथ्यों को लंबे समय तक याद रखने में बहुत ही कारगर साबित हुआ है , इस फार्मूले की विशेषता निम्न है। ➥यहां पर पहले 7 का मतलब होता है7 घंटे ,दूसरे 7 का मतलब 7 दिन और तीसरे 7 का मतलब -7 सप्ताह होता है , ➥अर्थात आप जो भी पढ़ रहे हैं उसको पहली बार में 7 घंटे(अधिकतम अगले दिन तक) बाद रिवीजन करना चाहिए,  फिर 7 दिन बाद उसका दोबारा REVISE  करना चाहिए तथा फिर उसे 7 सप्ताह के बाद बात फिर से रिवीजन करना चाहिए।  ➥रिवीजन की इस फार्मूले को अपनाकर आप अपने सि

[exam tips*] दिन में कितने घंटे पढ़ाई करना चाहिए ? दैनिक टाइम टेबल कैसा होना चाहिए?

  विद्यार्थी को परीक्षा के लिए चाहे वह कॉन्पिटिटिव एग्जाम हो या बोर्ड एग्जाम हो 1 दिन में कितने घंटे पढ़ाई करना चाहिए ?  यह सवाल अक्सर कई विद्यार्थियों के मन में उठता है , यहां पर विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों का दैनिक टाइम टेबल कैसा होना चाहिए[perfect daily timetable for students in hindi] तथा उन्हें  दिन में कितने घंटे पढ़ाई करना चाहिए, इसके बारे में वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित  आसान उपाय प्रस्तुत किए गए है-  स्टूडेंट अपनी एक्जाम प्रिपरेशन के लिए  दैनिक टाइम टेबल  में    8 +  8 + 8 फार्मूले   का उपयोग करें ,यह एक वैज्ञानिक फार्मूला है, यह फार्मूला वैज्ञानिक रीति के अनुसार कार्य करता है इसमें पूरे दिन की अवधि को जो कि 24 घंटे होती है, उसे तीन बराबर हिस्सों में बांटा जाता है अर्थात 8+8+8+=24 घंटे, 8-8 घंटे के तीन हिस्सों को अलग-अलग कार्यों के लिए आवंटित किया जाता है। इसमें 8 घंटे सोने अर्थात आराम करने के लिए, 8 घंटे अपना जरूरी दैनिक काम ,घर के काम एवं शारीरिक क्रियाओं के लिए तथा 8 घंटे अपनी पढ़ाई के लिए (विद्यार्थियों हेतु) आवंटित किए जाते हैं। यह  8+8+8 का फार्

[imp*] भारत एवं मध्य प्रदेश राज्य में प्रवाहित होने वाली नदियों के प्राचीन नाम

  भारत एवं मध्य प्रदेश राज्य में प्रवाहित होने वाली  नदियों के प्राचीन नाम एवं अन्य नामों से संबंधित प्रश्न विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाते है , यहां पर भारत में प्रवाहित होने वाली वैदिक कालीन नदियों के प्राचीन नाम एवं आधुनिक नाम तथा मध्य प्रदेश में प्रवाहित होने वाली नदियों की प्राचीन नामों की सूची दी गई है, भारत की नदियों के प्राचीन नाम /ऋग्वेद / वैदिक कालीन नदियों के नाम सरस्वती नदी-  नदीतमा गंडक नदी -सदानीरा  स्वात नदी -सुवास्तु  गोमल नदी -गोमती  व्यास नदी -बिपाशा  शतूद्री नदी -सतलज  रावी नदी -पुरुष्णी चिनाब नदी -अस्किनी   झेलम नदी- वितस्ता काबुल नदी- कुभा कुर्रम नदी -क्रुभ नदियों के प्राचीन एवं अन्य नाम  nadiyo ke prachin naam मध्यप्रदेश एवं भारत की नदियों के प्राचीन नाम- नर्मदा नदी के अन्य नाम-  रेवा ,शिवतनया सोमोदेवी ,मेकलसूता शंकरी नामोदास अमरकंठी चंबल नदी - चर्मावती, चर्मणवती कामधेनु सोन नदी - सुभागधी ,सुवर्ण, स्वर्ण, सोनभद्र, हिरण्यबाहु,शोण, बेतवा नदी वेत्रवती  शिप्रा नदी मालवा की गंगा मोक्षदायिनी टोंस नदी - तमसा ताओन, केन नदी- कर्णावती , शुक्ति मति, केनास