उत्तर वैदिक काल का भौगोलिक विस्तार
उत्तर वैदिक काल/ सभ्यता का विस्तार /प्रभाव किन किन क्षेत्रों पर था ?
*पंजाब से आर्यजन गंगा यमुना दोआब के अंतर्गत संपूर्ण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फैल गए थे ,दो प्रमुख कबीले भारत और पुरू एक होकर कुरु नाम से विदित हुए।
*आरंभ में वे लोग दोआब के ठीक छोर पर सरस्वती और दृष्टावती नदियों के प्रदेश में बसे शीघ्र ही कुरूओ ने दिल्ली क्षेत्र और दोआब के ऊपरी भाग पर अधिकार कर लिया जो कुरुक्षेत्र नाम से प्रसिद्ध हुआ।
*हस्तिनापुर को अपनी राजधानी बनाया जो मेरठ जिले में पड़ता है।प्राचीन कथाओं के अनुसार जानते हैं कि हस्तिनापुर बाढ़ में बह गया और कुरू वंश से जो जीवित रहे वे इलाहाबाद के पास कौशांबी जाकर बस गए।
*उत्तर वैदिक काल का अंत होते-होते 600 ईसा पूर्व के आसपास वैदिक लोग दोआब से पूरब की ओर पूर्वी उत्तर प्रदेश के कोशल और उत्तरी बिहार के विदेह में फैले।
अंततः इस काल की सभ्यता का केंद्र पंजाब से बढ़कर कुरुक्षेत्र तक आ गया था ,
600 ईसा पूर्व के आसपास आर्य लोग कोशल विदेह एवं अंग राज्य से परिचित थे ,
शतपथ ब्राह्मण में उत्तर वैदिक कालीन रेवा और सदानीरा नदियों का उल्लेख मिलता है।
वैदिक काल से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न्नोत्तर