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Showing posts from November, 2020

[NGT*] राष्ट्रीय हरित अधिकरण MPPSC EXAM

  राष्ट्रीय हरित अधिकरण  [NATIONAL GREEN TRIBUNAL] राष्ट्रीय हरित अधिकरण क्या है?  नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल,[NGT] अधिनियम के अनुसार, 2010 में स्थापित, एक विशेष न्यायिक निकाय है जो देश में पर्यावरणीय मामलों को adjudicating करने के उद्देश्य से पूरी तरह विशेषज्ञता से लैस है। ट्रिब्यूनल को पर्यावरण पर राष्ट्रीय कानूनों को विकसित करने और उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट, लॉ कमीशन और भारत के अंतर्राष्ट्रीय कानून दायित्वों की सिफारिशों के अनुसार सेटअप किया गया था। ट्रिब्यूनल को पर्यावरण संरक्षण, जंगलों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरण से संबंधित किसी भी कानूनी अधिकार के प्रवर्तन से संबंधित मामलों में प्रभावी और त्वरित उपाय प्रदान करने का काम सौंपा गया है।  ट्रिब्यूनल के आदेश बाध्यकारी हैं और इसमें प्रभावित व्यक्तियों को मुआवजे के रूप में राहत देने और नुकसान पहुंचाने की शक्ति है। प्रावधान एवं संरचना राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम 2010 के तहत  गठन   -18 अक्टूबर, 2010 सांविधिक और अर्ध न्यायिक निकाय हैं। मुख्यालय-नई दिल्ली राष्ट्रीय हरित अधिकरण की संरचना- राष्ट्र

[imp*] पृथ्वी की आंतरिक संरचना - internal structure of earth in Hindi

पृथ्वी की आंतरिक संरचना- क्रस्ट मेंटल कोर  [Earth crust Mantle Core] पृथ्वी की आंतरिक संरचना की तीन परतों -अर्थ क्रस्ट (भूपर्पटी)आवरण (मेंटल) एवं आंतरिक भाग (कोर)की विभिन्न विशेषताओं से संबंधित प्रश्न सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।  यहाँ पृथ्वी की आंतरिक संरचना एवं इसकी विभिन्न परतों से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों को आसान भाषा में चित्र के साथ दर्शाया गया है, जो कि प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे एमपीपीएससी, एसएससी पुलिस भर्ती परीक्षा, शिक्षक पात्रता परीक्षा ,बैंकिंग एग्जाम, रेलवे एग्जाम, सिविल सेवा परीक्षा आदि की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। पृथ्वी की त्रिज्या अर्थात पृथ्वी की सतह से लेकर की केंद्रीय भाग तक की लंबाई  6370 किलोमीटर है। पृथ्वी की सतह से लेकर  केंद्रीय भाग तक की दूरी को विभिन्न विशेषताओं जैसे तापमान ,आयतन ,घनत्व आदि की विशेषताओं के आधार पर तीन भागों में विभाजित किया गया है -भू पर्पटी ,आवरण एवं आंतरिक भाग (Earth crust Mantle,Core) भू पर्पटी -Earth crust की प्रमुख विशेषताएँ - पृथ्वी की आंतरिक संरचना में भूपर्पटी पृथ्वी के ऊपरी भाग वाली परत क

**बीज अधिनियम वर्ष 1966[Indian seed act 1966 in Hindi.

   भारतीय बीज अधिनियम 1966 की प्रमुख विशेषताएं एवं महत्वपूर्ण जानकारी  features of Indian seed act 1966 in Hindi. बीज अधिनियम वर्ष 1966 का अधिनियम संख्या 54 है और 29 दिसंबर 1966 को प्रख्यापित किया गया।  यह बिक्री के लिए कुछ बीजों की गुणवत्ता को विनियमित करने के लिए और इससे जुड़े मामलों के लिए एक अधिनियम है। इसे भारतीय गणतंत्र के सत्रहवें वर्ष में संसद द्वारा अधिनियमित किया गया है: - इस अधिनियम को बीज अधिनियम, 1966 कहा जा सकता है। यह पूरे भारत में फैला हुआ है। यह आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, केंद्र सरकार द्वारा, इस अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के लिए, और विभिन्न राज्यों के लिए या अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग-अलग तिथियों के लिए नियुक्त किया जा सकता है, ऐसी तारीख पर लागू होगा।   बीज अधिनियम वर्ष 1966 के अनुसार बीज की परिभाषा-  "बीज" का अर्थ बुवाई या रोपण के लिए उपयोग किए जाने वाले बीजों के किसी भी वर्ग से है खाद्य फसलों के बीज जिनमें खाद्य तेल के बीज और फलों और सब्जियों के बीज शामिल हैं कपास के बीज पशुओं के चारे के बीज जूट के बीज। (बीज (संशोधन) अधिनियम, 1972, 9 सितंबर,

imp*मंदिर निर्माण शैलियां* -नागर शैली द्रविड़ शैली बेसर शैली

मंदिर निर्माण की तीन प्रमुख शैलियां-Exam Gk मंदिर निर्माण शैलियां -नागर शैली द्रविड़ शैली बेसर शैली Nagar Shaili/ Dravid Shaili/ Besar Shaili in Hindi. मंदिर निर्माण की तीन प्रमुख शैलियों -नागर शैली ,द्रविड़ शैली एवं बेसर शैली से संबंधित प्रश्न विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे MPPSC ,MPSC exam ,Railway Exam, patwari exam test ,SSC exam ,IBPS exam,peb exams आदि में प्रमुखता से पूछे जाते  है। यहां पर मंदिर निर्माण की तीन प्रमुख शैलियों नागर शैली द्रविड़ शैली एवं बेसर शैली की प्रमुख विशेषताओं के बारे में  महत्वपूर्ण जानकारी सरल भाषा में प्रदान की गई है। मंदिर स्थापत्य कला अर्थात मंदिरों के निर्माण की क्रिया गुप्त काल से प्रारंभ मानी जाती है। शिल्प ग्रंथों में मंदिर स्थापत्य कला के क्षेत्र में तीन प्रकार के शिखरों का उल्लेख मिलता है, जिनके आधार पर मंदिर निर्माण की तीन शैलियों का विकास हुआ यह तीन शैलियां निम्न है  नागर शैली  द्रविड़ शैली तथा  बेसर शैली। नागर शैली के मंदिरों की प्रमुख विशेषताएं / Feature of Nagar Shaili temple in Hindi नागर शैली के मंदिरों की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं।

सौरमंडल -सामान्य ज्ञान प्रश्न उत्तर एवं महत्वपूर्ण तथ्य

 सौरमंडल सामान्य ज्ञान प्रश्न उत्तर एवं महत्वपूर्ण तथ्य  gk question and important facts on solar system  in hindi सौर मंडल से संबंधित प्रश्न जैसे सौर मंडल के विभिन्न ग्रह, ग्रहों की विशेषताएं,  सूर्य और पृथ्वी के बीच के विभिन्न संबंध ,उपभू -अपभू आदि से संबंधित प्रश्न विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रमुखता से पूछे जाते हैं, यहां पर सौर मंडल से संबंधित अति महत्वपूर्ण तथ्यों, परिभाषाएं एवं महत्वपूर्ण प्रश्नों को सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है, जो कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे - SSC, banking exam- IBPS, railway ,police exam, UPSC, MPPSC ,Teacher Eligibility Test ,patwari exam आदि की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए काफी महत्वपूर्ण एवं उपयोगी हैं।  सौर मंडल मैं कौन-कौन से आकाशीय पिंड सम्मिलित होते हैं/ सौरमंडल किसे कहते हैं ? सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले सभी आकाशीय पिंड सौरमंडल का हिस्सा होते हैं। इन आकाशीय पिंडों में आठ ग्रह, शुद्र ग्रह ,धूमकेतु ,उल्काए, तथा अन्य आकाशीय पिंड सम्मिलित होते हैं  सूर्य (sun)से संबंधित परीक्षा उपयोगी महत्वपूर्ण तथ्य सौरमंडल का केंद्र सूर

[MP GK imp**] मध्य प्रदेश के संभाग एवं जिले परीक्षा उपयोगी महत्वपूर्ण जानकारी- mppsc,mp police exam

मध्य प्रदेश के संभाग एवं जिले  परीक्षा उपयोगी महत्वपूर्ण जानकारी मध्यप्रदेश के जिलों से संबंधित सामान्य ज्ञान के प्रश्न एवं विभिन्न संभागो / जिलों से संबंधित जानकारी सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में विशेष रूप से पूछी जाती है, यहां पर मध्य प्रदेश के 10 संभागो एवं  52 जिलों के बारे में महत्वपूर्ण परीक्षा उपयोगी जानकारी प्रदान की गई है। वर्तमान समय में मध्य प्रदेश में 10 संभाग एवं 52 जिले हैं।  इंदौर संभाग के अंतर्गत आने वाले जिले  वर्तमान समय में इंदौर संभाग में 8 जिले सम्मिलित हैं जिनके नाम निम्न है-  इंदौर  खरगोन (पश्चिम निमाड़)  खंडवा (पूर्वी निमाड़ ) धार  झाबुआ बड़वानी  अलीराजपुर  बुरहानपुर उज्जैन संभाग के अंतर्गत आने वाले जिले - वर्तमान समय में 7 जिले उज्जैन संभाग के अंतर्गत आते हैं जिनके नाम निम्न है-  उज्जैन  आगर मालवा  शाजापुर   रतलाम  मंदसौर  देवास  नीमच  ग्वालियर संभाग के अंतर्गत आने वाले जिले  इस समय ग्वालियर संभाग में 5 जिले आते हैं - ग्वालियर   गुना  अशोकनगर  शिवपुरी  दतिया  चंबल संभाग के अंतर्गत आने वाले जिले-  चंबल संभाग में निम्नलिखित 3 जिले आते हैं - मुरैना  भिंड   श्योपु

उपभोक्ता न्यायालय [कंज्यूमर कोर्ट] अध्यक्ष , स्थापना ,कार्य

उपभोक्ता न्यायालय अर्थात कंज्यूमर कोर्ट के अध्यक्ष , स्थापना ,उपभोक्ता न्यायालय के प्रमुख कार्य एवं उपभोक्ताओं के अधिकार( कंज्यूमर राइट) से संबंधित प्रश्न विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में (mppsc /upsc/ibps/ssc)अक्सर पूछे जाते हैं , यहां पर उपभोक्ता न्यायालय के कार्य ,अध्यक्ष, उपभोक्ता किसे कहते हैं ? उपभोक्ता के क्या क्या अधिकार है ?(कंज्यूमर राइट्स इन हिंदी) आदि के बारे में सरल भाषा में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई है उपभोक्ता किसे कहते है ? वह व्यक्ति जो किसी वस्तु या सेवा को स्वयं के उपभोग के लिए खरीदा है , उपभोक्ता कहलाता है, उपभोक्ता के क्या क्या अधिकार है ?(कंज्यूमर राइट्स इन हिंदी)  *उपभोक्ता अधिकार*:-भारत में 24 दिसंबर 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम लागू किया गया, जिसके अंतर्गत उपभोक्ताओं को निम्न अधिकार प्रदान किए गए जो मौलिक अधिकारों की मूल धारणाओं से प्रेरित है- a. उपभोक्ता शिक्षा अधिकार b. विवाद सुलझाने का अधिकार c. सुने जाने का अधिकार d. चुनने का अधिकार e. सूचना पाने का अधिकार f. सुरक्षा का अधिकार उपभोक्ता न्यायालय-consumer forum in hindi यह उपभोक्ता विवादों के शीघ्र /