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Showing posts from July, 2020

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर निबंध / essay on teachers day in Hindi

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के विचार , डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी , डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के शिक्षा संबंधी विचार , शिक्षक दिवस पर निबंध  essay on teachers day in Hindi  डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के राजनीतिक विचार, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन-MPPSC , डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर निबंध डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म भारत के तमिलनाडु में 5 सितंबर 1888 को हुआ था डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मृत्यु 17 अप्रैल 1975 को हुई। अपने जीवन काल को शिक्षा के प्रति समर्पित करने के कारण उनके जन्मदिन 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर निबंध डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के प्रमुख विचार 1. शिक्षा संबंधी विचार 2. संस्कृति संबंधी विचार 3. धर्म संबंधी विचार 3. समानता के समर्थक 5.नव वेदांत से प्रभावित               डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक शिक्षक थे ,तथा भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति बने ,शिक्षक के रूप में उन्होंने सर्वप्रथम दर्शन शास्त्र की शिक्षा देना प्रारं

मौलाना अबुल कलाम आजाद पर निबंध -MPPSC

अबुल कलाम आजाद के विचार , अबुल कलाम आजाद के प्रमुख विचार, अबुल कलाम आजाद के शिक्षा सम्बन्धी विचार  , मौलाना अबुल कलाम आजाद -MPPSC मौलाना अबुल कलाम आजाद का  जन्म -11 नवंबर 1888 (मक्का) अबुल कलाम आजाद के बारे महत्वपूर्ण तथ्य:-  इनकी जन्मतिथि पर (11 नवंबर )राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है , यह देश के प्रथम शिक्षा मंत्री व भारत रत्न से सम्मानित हैं  अबुल कलाम आजाद एक कवि, लेखक, पत्रकार व भारतीय स्वतंत्रता सेनानी तथा एक दार्शनिक थे।  अ बुल कलाम आजाद के प्रमुख विचार-mppsc  1. राष्ट्रवादी विचारक 2. संप्रदायवाद का विरोध 3. आधुनिकता के समर्थक 4.गांधीवादी विचारों से प्रभावित                 मौलाना अबुल कलाम आजाद राजनीति में संप्रदाय वाद के विरोधी थे, उनका मानना था कि धर्म व्यक्ति का व्यक्तिगत मामला है अतः इसका प्रयोग राजनीति व राष्ट्रवादी मामलों में नहीं करना चाहिए ,व राजनीति को धर्म से मुक्त रखा जाना चाहिए।              आजाद पर पश्चिमी दर्शन का प्रभाव था ,अतः उन्होंने आधुनिकतावादी  मूल्यों का समर्थन किया ,उनका मानना था कि परंपरागत रूढ़िवादितागत मूल्यों को जो कि स

अरविन्द घोष के सामाजिक विचार

अरविन्द घोष के सामाजिक विचार , अरविन्द घोष की प्रमुख पुस्तकें, अरविन्द घोष के दार्शनिक विचार, अरविन्द घोष के राजनीतिक विचार , महर्षि अरविन्द घोष -mppsc , अरविन्द घोष के शिक्षा सम्बन्धी विचार, अरविन्द घोष का योग दर्शन , अरविन्द घोष इन हिंदी -pdf ,  अरविन्द घोष पर निबन्ध  अरविन्द घोष से सम्बंधित प्रश्नोत्तर  अरविन्द घोष का जन्म -15 अगस्त (1872 कोलकाता) अरविन्द घोष की प्रमुख पुस्तकें  ➥एसेस ऑफ गीता  ➥सावित्री ➥लाइफ डिवाइडिंग  ➥वेदांत दर्शन ➥राजयोग ➥विवेकानंद कर्म योग अरविन्द घोष के सामाजिक विचार /अरविन्द घोष के राजनीतिक विचार -mppsc 1. धर्म संबंधी राष्ट्रवाद 2. समानता के पक्षधर 3.उपनिवेश के विरोधी 4. अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रवाद अरविन्द घोष के दार्शनिक विचार-mppsc 1. वेदांत दर्शन (जड़ चेतन) 2. निर्गुण निराकार ईश्वर( ब्रह्मा)  अरविन्द घोष के सामाजिक विचार           महर्षि अरविंद राष्ट्रवादी विचारक थे, उन्होंने "देवीय/ आध्यात्मिक राष्ट्रवाद" के सिद्धांत का प्रतिपादन किया।  महर्षि अरविंद का मानना था कि राष्ट्रवाद एक

वित्त आयोग से संबंधित प्रश्न -MPPSC

वित्त आयोग के अध्यक्ष ,कार्य , संवैधानिक प्रावधान गठन /संरचना वित्त आयोग से संबंधित प्रश्न  mppsc pre &  mains exam      वित्त आयोग के संवैधानिक प्रावधान -  वित्त आयोग के संबंध में अनुच्छेद 280-281 में उल्लेख मिलता है  वित्त आयोग एक अर्ध न्यायिक एवं सलाहकारी  निकाय हैं। *प्रथम  वित्त आयोग के -अध्यक्ष कै.सी. नियोगी* *वर्तमान  वित्त आयोग केअध्यक्ष -एनके सिंह*  वित्त आयोग का गठन /संरचना 1 अध्यक्ष 4 चार अन्य सदस्य वित्त आयोग के  अध्यक्ष व  सदस्यो की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा संसद द्वारा वित्त आयोग के सदस्यों की अर्हता निर्धारित करने हेतु वित्त आयोग प्रतिबंध अधिनियम 1951 पारित किया गया इसके अंतर्गत निम्नलिखित अहर्ता - 1 अध्यक्ष -ऐसा व्यक्ति हो  जो लोक  मामलों का ज्ञाताहो  4 अन्य सदस्य ऐसे  होंगे:- *उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने की योग्यता रखता हो *प्रशासन व वित्तीय मामलों का विशेष ज्ञान हो *लेखा एवं वित्त मामलों के विशेष ज्ञाता  हो *अर्थशास्त्र का विशिष्ट ज्ञान हो। best gadgets for online classes for students on amazon **वित्त आयोग के का

राम मनोहर लोहिया जी के प्रमुख विचार

राम मनोहर लोहिया जी के प्रमुख विचार, राम मनोहर लोहिया जी के आर्थिक विचार, राम मनोहर लोहिया जी के सामाजिक विचार, राम मनोहर लोहिया जी के राजनीतिक विचार,  राम मनोहर लोहिया जी की चौखंबा राज्य की विचारधारा, राम मनोहर लोहिया -MPPSC   राम मनोहर लोहिया जी  पर निबंध  जन्म  - 23 मार्च 1910  (उत्तर प्रदेश के फैजाबाद के अकबरपुर) में हुआ था  इनके पिता अध्यापक थे तथा गांधी जी के अनुयाई थे  लोहिया जी पर गांधीवाद का गहरा प्रभाव था। राम मनोहर लोहिया जी के प्रमुख विचार राम मनोहर लोहिया जी के राजनीतिक विचार 1.राजनीतिक नैतिकता का समर्थन  2.राजनीति के अपराधीकरण के विरोधी 3. राष्ट्रवादी विचारक राम मनोहर लोहिया जी के आर्थिक विचार 1.समाजवाद के समर्थक 2चौखंबा राज्य की विचारधारा A. ग्राम B. मंडल C. प्रांत D. राष्ट्र राम मनोहर लोहिया जी के सामाजिक विचार 1.जाति एवं वर्ग संबंधित विचार (चक्रिय सिद्धांत) 2. स्वदेशी संस्कृति के समर्थक 3. स्व भाषा के समर्थक राम मनोहर लोहिया जी के राजनीतिक विचार लोहिया जी राजनीतिक नैतिकता के प्र

*राष्ट्रीय महिला आयोग के कार्य

राष्ट्रीय महिला आयोग के कार्य , राष्ट्रीय महिला आयोग का पता , राष्ट्रीय महिला आयोग के प्रथम अध्यक्ष , राष्ट्रीय महिला आयोग की वर्तमान अध्यक्ष , राष्ट्रीय महिला आयोग शिकायत एवं समाधान ,   ➥राष्ट्रीय महिला आयोग गठन  -   जनवरी 1992   ➥राष्ट्रीय महिला आयोग की  पहली अध्यक्ष -  जयंती पटनायक   ➥राष्ट्रीय महिला आयोग की  वर्तमान अध्यक्ष-   रेखा शर्मा   ➥ राष्ट्रीय महिला आयोग का पता -  Plot No.21, FC33 Jasola Institutional Area, Jasola, New Delhi, Delhi 110025 ➥राष्ट्रीय महिला आयोग की संरचना /राष्ट्रीय महिला आयोग में सदस्यों  की संख्या   राष्ट्रीय महिला आयोग में  कुल 6 सदस्य होते है ,   1    अध्यक्ष 5    सदस्य (किसी एक सदस्य का अनुसूचित जाति व जनजाति से संबंधित होना अनिवार्य )   राष्ट्रीय महिला आयोग में एक   सचिव होता है         अध्यक्ष, सदस्य और सचिव का नामांकन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किया जाता है।         वेतन, भत्ते, पेंशन तथा सेवा शर्तों का निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है।   ➥राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का

[imp*] पंचायती राज व्यवस्था से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न एवं आसान भाषा में उत्तर

भारत में पंचायती राज  का इतिहास , भारत में पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित विभिन्न समितियां एवं उनके प्रमुख सुझाव, 73 वा संविधान संशोधन एवं उसके महत्वपूर्ण प्रावधान, पंचायती राज व्यवस्था से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न एवं आसान भाषा में उत्तर, भारत में पंचायती राज व्यवस्था पर निबंध , पंचायती राज व्यवस्था नोट्स  - PDF mppsc mains  पंचायती राज क्या हैं? पंचायती राज क्या हैं  शब्द का अर्थ है - ग्रामीण स्थानीय स्वशासन पद्धति , जो कि सभी राज्यों में राज्य विधानसभा द्वारा स्थापित की जाती है ,एवं इसका उद्देश्य लोकतंत्र का निर्माण करना है।   भारत में पंचायती राज   संस्थाओं के गठन में महात्मा गांधी के विचारों की प्रमुख भूमिका रही है।  अर्थात यूं कहें कि भारत में पंचायती राज संस्थाओं का गठन या स्थानीय स्वशासन संस्था महात्मा गांधी के विचारों का ही  मूर्त रूप हैं। क्योंकि महात्मा गांधी हमेशा भारत की आत्मा का निवास स्थान गांव को मानते थे। राष्ट्रपिता के इस सपने को मूर्त रूप देने के लिए संविधान निर्माताओं ने स्थानीय स्वशासन एवं पंचायतों के गठन के प्रावधानों को अनुच्छेद 40 के