लौह अयस्क के प्रकार / भारत में लोहे की प्रमुख खदानें / लौह अयस्क के बारे में विविध जानकारी-
लोह अयस्क क्या होता है ?
आधुनिक औद्योगिक सभ्यता का आधार लोहा है, संसार के लोहा उत्पादक देशों में भारत का आठवां स्थान है ,भारत में उत्कृष्ट लोहे की प्राप्ति मैं दूसरा स्थान है।
लोहा कितने प्रकार का होता है ? लौह अयस्क के प्रकार बताइए? lohe ke prakar in hindi
लोहा चार प्रकार का होता है
- हेमेटाइट
- मैग्नेटाइट
- लिमोनाइट
- साईडेराईट
हेमेटाइट-
लाल एवं भूरे रंग का होता है ,यह सर्वोत्तम प्रकार का लोहा अयस्क है ,इसमें धातु का अंश 60 से 70% होता है ,भारत में अधिकांश लोहा इसी किस्म का मिलता है यह जलज शैलो में पाया जाता है।
मैग्नेटाइट-
इसमें धातु का अंश 72% तक होता है यह आग्नेय शैल में पाया जाता है यह तमिलनाडु और कर्नाटक में मिलता है।
लिमोनाइट-
इसमें 40 से 60% तक लोहा होता है इसका रंग पीला होता है और यह अवसादी शैल में पाया जाता है यह ऑक्सीजन, पानी व लोहे के मिश्रण से बनता है।
साईडेराईट-
इसे आयरन कार्बोनेट कहते हैं यह लोहे तथा कार्बन के मिश्रण से बनता है इसमें धातु का अंश 10 से 48% तक होता है।
भारत में लोहे की खदानें व उनके क्षेत्र-
उत्तरी पूर्वी क्षेत्र-
झारखंड राज्य के सिंह भूमि की प्रसिद्ध लोहा खदानें है ,उड़ीसा के मयूरभंज जिले में गुरुमहिसानी सलाइपट प्रमुख खदाने हैं।
मध्य भारत क्षेत्र-
इस क्षेत्र में गोवा, मध्य प्रदेश में जबलपुर मंडला ,बालाघाट जिलों में लोहा भंडार है।
प्रायद्वीपीय क्षेत्र-
कर्नाटक के चिकमंगलुर, वल्लारी, उत्तर कन्नड़ तथा चित्रदुर्ग आदि में लोहे की खदानें हैं।
भारत में मैंगनीज अयस्क की प्रमुख खदाने एवं प्राप्ति स्थल
मैग्नीज का उपयोग अनेक वस्तुओं में होने के कारण इसे 'जैंक ऑफ ट्रेंड्स' भी कहते हैं ,इसका उपयोग शीशे को साफ करने में ,रंगने में , सूखी बैटरी बनाने तथा प्लास्टिक अन्य रासायनिक पदार्थों को तैयार करने में भी होता है।
मध्य भारतीय खदाने
- इस क्षेत्र में भारत का 50% मैगनीज का उत्पादन होता है मुख्य खदानें महाराष्ट्र के भंडारा, रत्नागिरी व नागपुर, मध्य प्रदेश के बालाघाट आदि में स्थित है।
प्रायद्वीपीय खदानें-
कर्नाटक के उत्तरी कन्नड़ ,चित्रदुर्ग, चिकमंगलूर आदि में मैग्नीज मिलता है।
उत्तरी पूर्वी खदानें-
झारखंड के सींहभूमि और उड़ीसा के क्योंझर आदि में मैग्नीज मिलता है।