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Transparency International [imp q&a] अंतर्राष्ट्रीय पारदर्शिता (UPSC/ MPPSC ) आसान भाषा में

Transparency International ethics paper , अंतर्राष्ट्रीय पारदर्शिता UPSC/ MPPSC  Transparency International की स्थापना , ट्रांस्परेन्सी इंटरनेशनल का  मुख्यालय,  ट्रांस्परेन्सी इंटरनेशनल के कार्य , अंतर्राष्ट्रीय पारदर्शिता के उद्देश्य , OBJECTIVE OF Transparency International , Transparency International की स्थापना एवं    मुख्यालय, स्थापना-       4 मई 1993 मुख्यालय -    बर्लिन  (जर्मनी) Transparency International के  संस्थापक -     पिटर एलेन ट्रांस्परेन्सी इंटरनेशनल  के उद्देश्य 1.  भ्रष्टाचार के विरुद्ध जागरूकता 2.विभिन्न संगठनों को सहयोग 3. जानकारी उपलब्ध करवाना 4. देशों को एक मंच पर लाना  5.भ्रष्टाचार मुक्त समाज की स्थापना Transparency International की कमियां  1. सटीक जानकारी नहीं 2.विश्वसनीयता की कमी 3.संप्रभुता में हस्तक्षेप      भ्रष्टाचार के संबंध में दुनिया भर में एक आंदोलन के रूप में Transparency International चर्चा में आया है। इसकी स्थापना 1993 में एक एनजीओ के रूप में की गई जिसका प्रमुख कार्य भ्रष्टाचार के संबंध में जानकारी उपलब्ध करवा कर जनता को जागरूक

भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभिसमय /,UN Convention against Corruption – UNCAC/ भ्रष्टाचार पर संयुक्त राष्ट्र संघ की घोषणा*

भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभिसमय , Convention against Corruption in Hindi    UNCAC UPSC/MPPSC , भ्रष्टाचार पर संयुक्त राष्ट्र संघ की घोषणा-MPPSC  भ्रष्टाचार पर संयुक्त राष्ट्र संघ की घोषणा - mppsc , upsc , UN Convention against Corruption in hindi mppsc upsc , भ्रष्टाचार के वि रुद्ध अभिसमय ethics paper         भ्रष्टाचार का मुद्दा वर्तमान में एक वैश्विक मुद्दा बन गया है इस सवाल को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ की तात्कालिक महासचिव कोफी अन्नान ने एक सम्मेलन का आयोजन करके यह स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार के कारण पूरी दुनिया में बड़े पैमाने पर सामाजिक मूल्यों का हास हुआ है तथा इसके कुप्रभाव से संपूर्ण विश्व का सामाजिक व आर्थिक संतुलन खतरे में पड़ गया है।        मौजूदा आपराधिक कानून भ्रष्टाचार को रोकने में काफी नहीं है। क्योंकि भ्रष्टाचार एक किस देश की समस्या ना हो कर वैश्विक समस्या है अतः इसका हल भी वैश्विक स्तर के प्रयासों से ही संभव होगा इसी विचार को मूर्त रूप देने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में अक्टूबर 2003 में एक सम्मेलन हुआ तथा इस सम्मेलन की परिणिति भ्रष्टाचार पर संयुक्त रा

निबंध-- ' भृष्टाचार : कारण समस्या एवं समाधान '(आसान भाषा में ) ESSAY ON CORRUPTION IN HINDI

'भृष्टाचार : कारण समस्या एवं समाधान ' से सम्बंधित  निबंध  एवं  प्रश्न  लगभग  सभी परीक्षाओ  में  पूछे  जाते है ,यह टॉपिक MPPSC &   UPSC में निबंध तथा  ETHICS  के PAPER  में  प्रमुखता  से सम्मिलित  किया गया है, रुपरेखा  *भ्रष्टाचार का अर्थ :-- *भ्रष्टाचार के प्रकार:-- 1. कानून संगत भ्रष्टाचार 2. कानून विरोधी भ्रष्टाचार *भ्रष्टाचार के कारण 1. उपभोक्तावाद 2. केंद्रीयकरण 3. पूंजीवादी अर्थव्यवस्था 4. कम वेतन 5. पारंपरिक मान्यताएं 6. असमानता * भ्रष्टाचार के दुष्प्रभाव 1. राजनीतिक दुष्प्रभाव 2. आर्थिक दुष्परिणाम 3.  सामाजिक दुष्प्रभाव 4. पर्यावरणीय  दुष्प्रभाव * भ्रष्टाचार को रोकने के उपाय 1. समूह निर्माण 2. क्रमिक सुधार 3. सशक्तिकरण 4. कड़े कानूनों का निर्माण  5. सामाजिक उपाय 6. विभिन्न  संगठनों की स्थापना 7. परिवार की भूमिका 8.  विसलब्लोअर 9. सूचना तंत्र का विकास *भ्रष्टाचार का अर्थ: - - भ्रष्टाचार का सामान्य अर्थ होता है, भ्रष्ट या गलत आचरण अर्थात किसी शासकीय पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा निजी लाभ और हानि के दृष्टिकोण से उसे प्राप्त शक्तियों का दु