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स्वामी विवेकानंद के प्रमुख सामाजिक एवं दार्शनिक विचार mppsc

स्वामी विवेकानंद के प्रमुख सामाजिक एवं दार्शनिक विचार  mppsc,upsc  स्वामी विवेकानंद सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तर  स्वामी विवेकानंद का  जीवन परिचय    जन्म        1863 कोलकाता   उपनाम      दक्षिणेश्वर संत   1893        शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन में भाषण   मूल नाम        नरेंद्रनाथ दत्त   1896-97        रामकृष्ण मिशन की स्थापना वेल्लूर   पत्रिकाएं           प्रबुद्ध भारत अंग्रेजी उद्बोधन बंगाली स्वामी विवेकानंद के प्रमुख सामाजिक  विचार   * सामाजिक विचार:- 1. दरिद्र नारायण (मानव सेवा) 2. शिक्षा को महत्व 3.ब्राह्मणवाद का विरोध 4. श्रमिक कल्याण 5.नारी सशक्तिकरण 6.राष्ट्रवाद का समर्थन स्वामी विवेकानंद के प्रमुख  दार्शनिक विचार  1. वेदांत व हिंदू धर्म की व्यवहारिक व्याख्या 2.गीता के निष्काम कर्म का समर्थन 3. आध्यात्मिक मानववाद ---::::: पूरब और पश्चिम के मिलन के समर्थक:::::--- सामाजिक विचार:-         विवेकानंद का सामाजिक दर्शन अन्य दार्शनिकों की अपेक्षा बहुत अधिक व्यवहारिक था विवेकानंद के दर्शन पर वेदांत दर्शन का अधिक प्रभाव था। अतः व्यक्ति व्य

रवींद्र नाथ टैगोर के प्रमुख विचार /रवींद्र नाथ टैगोर की जीवनी

रवींद्र  नाथ टैगोर के प्रमुख विचार, रवींद्र नाथ टैगोर का दर्शन , रविंद्र नाथ टैगोर पर निबंध, रविंद्र नाथ टैगोर से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर,    biography of rabindranath tagore in hindi, essay on rabindranath tagore  in hindi , रवींद्र  नाथ टैगोर के प्रमुख विचार-mppsc , रवींद्र नाथ टैगोर का दर्शन -mppsc, रविंद्र नाथ टैगोर पर निबंध, र वींद्र नाथ टैगोर  की जीवनी  रवींद्र नाथ टैगोर का जन्म  जन्म      मई 1861    मृत्यु       अगस्त 1941 माता      शारदा देवी       पिता       देवेंद्र नाथ टैगोर रवींद्र नाथ टैगोर की प्रमुख  रचनाएं:-   गीतांजलि, काबुलीवाला, गोरा, शिशु भोलेनाथ, वनवाणी, कनिका              रवींद्र नाथ टैगोर को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है वह विश्व विख्यात, कवि, साहित्यकार, दार्शनिक व भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबेल पुरस्कार विजेता है। ** 1901 में सियालदह में शांति निकेतन की स्थापना की थी। रवींद्र नाथ टैगोर के प्रमुख विचार ➥1. सामाजिक विचार ➥2.  मानवीय विचार.    रवींद्र नाथ टैगोर के  सामाजिक विचार

जैन धर्म से सम्बंधित प्रश्न- उत्तर , आसान भाषा में MPPSC / UPSC

जैन धर्म से सम्बंधित प्रश्न- उत्तर   आसान भाषा में/  महावीर स्वामी  से सम्बंधित प्रश्न- उत्तर PSC / ETHICS & HISTORY PAPER हेतु  जैन धर्म से सम्बंधित प्रश्न- उत्तर  /  महावीर स्वामी  से सम्बंधित प्रश्न- उत्तर महावीर स्वामी का जीवन परिचय   जैन धर्म के 24 वे एवं अंतिम तीर्थंकर जन्म: 540 ईसा पूर्व ( कुंडल ग्राम ) बचपन का नाम :वर्धमान पिता :ज्ञातृक वंश के राजा सिद्धार्थ  माता: त्रिशला (वैशाली नृप चेतक की बहन ) पत्नी :यशोदा  पुत्री : अनोज्या  (प्रियदर्शनी ) प्रथम शिष्य :जमाली मृत्यु: 468 ई पू पावापुरी ( राजगृह) जैन धर्म  एवं बौद्ध धर्म तुलना  करिए उत्तर- जैन एवं बौद्ध  दोनों ही धर्म का उदय ब्राह्मण विरोध प्रतिक्रिया स्वरुप हुआ था दोनों का उद्देश्य ब्राह्मणवाद का खंडन एवं एक सरल व्यवहारिक धर्म का प्रचार करना था। समानता :- १  दोनों धर्म सुधारवादी थे ‌।दोनों का उद्देश्य सत्य अहिंसा सत्कर्म एवं नैतिक आचरण का व्यवहारिक दृष्टिकोण था २  दोनों का मूल सिद्धांत सांसारिक कष्टों एवं जन्म मरण से मुक्त हो निवार्ण प्राप्ति था। ३  दोनों धर्मो ने जाति प्रथा छुआछूत का विरोध

डॉ. भीमराव अंबेडकर का दर्शन/डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचार / निबंध - डॉ. भीमराव अंबेडकर -MPPSC,UPSC

डॉ. भीमराव अंबेडकर का दर्शन/ विचार / निबंध   MPPSC, UPSC    एथिक्स एवं निबंध  दोनों  पेपर हेतु महत्वपूर्ण  जानकारी  डॉ. भीमराव अंबेडकर के  प्रमुख विचार:- 1. जाति व्यवस्था संबंधित विचार 2. राजनीतिक विचार 3. आर्थिक विचार 4.दार्शनिक विचार 1. डॉ. भीमराव अंबेडकर के जाति व्यवस्था संबंधित विचार:-   अंबेडकर के अनुसार जाति व्यवस्था भारतीय समाज पर कलंक है जो भेदभाव और संघर्ष को उत्पन्न करती हैं अंबेडकर के अनुसार दलितों के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक शोषण का प्रमुख कारण जाति व्यवस्था ही  है।                अंबेडकर के अनुसार समाज के प्रारंभ में जाति व्यवस्था का अभाव था परंतु कुछ लोगों के द्वारा अपनी शारीरिक व आर्थिक शक्ति के आधार पर समाज के वर्ग को शिक्षा, धर्म, राजनीति अधिकारों से वंचित रखा और इस व्यवस्था को स्थायित्व व अपने अनुकूल बनाए रखने के लिए जाति व्यवस्था को जन्म दिया।               अंबेडकर के अनुसार जाति व्यवस्था की उत्पत्ति किसी भी रूप में हुई हो परंतु व्यवहार में यह अन्याय पूर्ण व्यवस्था है जिसको समाप्त करना बहुत आवश्यक है । अंबेडकर के अनुसार जाति व्यवस्था के चलते सम

महात्मा गाँधी की जीवनी / गाँधीजी के प्रमुख विचार

महात्मा गांधी के प्रमुख विचार  महात्मा गांधी का अहिंसा संबंधी विचार  महात्मा गांधी का सत्याग्रह संबंधित विचार महात्मा गांधी का धर्म संबंधित विचार  महात्मा गांधी का जाति संबंधीत विचार  महात्मा गांधी का राज्य संबंधित विचार  महात्मा गांधी का सर्वोदय   महात्मा गांधी का  ट्रस्टीशिप संबंधित विचार   महात्मा गांधी के प्रमुख विचार upsc , mppsc  महात्मा गांधी mppsc ethics paper                                     महात्मा गांधी  के  वर्ण व्यवस्था  संबंधित विचार महात्मा गांधी  के  जाति व्यवस्था संबंधित विचार, 1 . महात्मा गांधी का अहिंसा संबंधी विचार:- महात्मा गांधी उपनिषद दर्शन आधारित इस मत को स्वीकार  करते थे कि प्रत्येक वस्तु में ईश्वर की अभिव्यक्ति है ईश्वर ही अलग-अलग तरीकों से मनुष्य प्राणियों पेड़ पौधों वह संसार के कण-कण में व्यक्त होता है अतः उन सभी में स्वस्थ संबंध (पवित्र संबंध) हेतु अहिंसा आवश्यक है।           अहिंसा केवल राजनीतिक आंदोलन का अस्त्र नहीं है बल्कि यह एक नैतिक जीवन जीने का तरीका है।      अहिंसा का सकारात्मक एवं नकारात्मक अर्थ, दोनों हैं !मन

Transparency International [imp q&a] अंतर्राष्ट्रीय पारदर्शिता (UPSC/ MPPSC ) आसान भाषा में

Transparency International ethics paper , अंतर्राष्ट्रीय पारदर्शिता UPSC/ MPPSC  Transparency International की स्थापना , ट्रांस्परेन्सी इंटरनेशनल का  मुख्यालय,  ट्रांस्परेन्सी इंटरनेशनल के कार्य , अंतर्राष्ट्रीय पारदर्शिता के उद्देश्य , OBJECTIVE OF Transparency International , Transparency International की स्थापना एवं    मुख्यालय, स्थापना-       4 मई 1993 मुख्यालय -    बर्लिन  (जर्मनी) Transparency International के  संस्थापक -     पिटर एलेन ट्रांस्परेन्सी इंटरनेशनल  के उद्देश्य 1.  भ्रष्टाचार के विरुद्ध जागरूकता 2.विभिन्न संगठनों को सहयोग 3. जानकारी उपलब्ध करवाना 4. देशों को एक मंच पर लाना  5.भ्रष्टाचार मुक्त समाज की स्थापना Transparency International की कमियां  1. सटीक जानकारी नहीं 2.विश्वसनीयता की कमी 3.संप्रभुता में हस्तक्षेप      भ्रष्टाचार के संबंध में दुनिया भर में एक आंदोलन के रूप में Transparency International चर्चा में आया है। इसकी स्थापना 1993 में एक एनजीओ के रूप में की गई जिसका प्रमुख कार्य भ्रष्टाचार के संबंध में जानकारी उपलब्ध करवा कर जनता को जागरूक